कॉटन निर्यात पिछले साल से 36 फीसदी कम, आयात हुआ दोगुना

Cotton exports down 36% over last year; imports double
कॉटन निर्यात पिछले साल से 36 फीसदी कम, आयात हुआ दोगुना
कॉटन निर्यात पिछले साल से 36 फीसदी कम, आयात हुआ दोगुना

मुंबई, 11 सितम्बर (आईएएनएस)। अंतर्राष्ट्रीय बाजार के मुकाबले भारत में कॉटन का दाम ऊंचा होने के कारण चालू कॉटन सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में कॉटन के निर्यात में पिछले साल के मुकाबले कमी आई जबकि आयात तकरीबन दोगुना बढ़ गया।

उद्योग संगठन के अनुमान के अनुसार, 30 सितंबर 2019 को समाप्त होने वाले कॉटन सीजन में कॉटन का निर्यात पिछले साल से 36 फीसदी कम रह सकता है।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएआई) ने बु़धवार को 2018-19 में भारत में कॉटन की खपत व आपूर्ति के अपने मासिक आंकड़े जारी किए। एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2018 से लेकर 31 अगस्त 2019 तक भारत ने 43 लाख गांठ (170 किलो) कॉटन का निर्यात किया जबकि पूरे सीजन में यानी 30 सिंतबर 2019 तक 44 लाख गांठ कॉटन का निर्यात होने का अनुमान है, जोकि एसोसिएशन के पिछले महीने के अनुमान से तो सिर्फ दो लाख गांठ कम है, लेकिन पिछले साल के मुकाबले 25 लाख गांठ यानी 36 फीसदी कम है।

वहीं, आयात की बात करें तो चालू सीजन में 31 अगस्त 2019 तक भारत ने 23 लाख गांठ कॉटन का आयात किया है और कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया की माने तो 30 सितंबर तक कुल आयात 29 लाख गांठ तक जा सकता है, जबकि पिछले साल भारत ने 15 लाख गांठ कॉटन का आयात किया था। इस प्रकार, आयात तकबरीन दोगुना रहने का अनुमान है।

डीडी कॉटन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अरुण शेखसरिया ने आईएएनएस से बताया कि अमेरिका-चीन व्यापारिक तनाव को लेकर इस साल अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कॉटन के दाम में आई भारी गिरावट का असर भारत पर भी पड़ा।

उन्होंने बताया कि अक्टूबर से फरवरी तक भारतीय कॉटन कीमत अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कम थी लेकिन मार्च के बाद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में जब कॉटन के भाव में भारी गिरावट आई उसके बाद से भारतीय कॉटन महंगा हो गया जिसके कारण निर्यात घट गया, जबकि विदेशी बाजार में भाव कम होने से भारतीय मिलों की आयात में दिलचस्पी बढ़ गई।

शेखसरिया ने बताया कि इस समय अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय कॉटन का भाव करीब 74 सेंट प्रति पौंड पड़ता है जबकि भारत से आयात करने वालों को तकबरीन चार सेंट प्रति पौंड का खर्च ढुलाई व नौवहन पर पड़ता है।

वहीं, अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर बुधवार को दिसंबर डिलवरी कॉटन के अनुबंध में 59.39 सेंट प्रति पौंड पर कारोबार चल रहा था।

कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सितंबर अनुमान के अनुसार, 2018-19 में कॉटन की कुल आपूर्ति 374 लाख गांठ रहेगी जोकि पिछले महीने के अनुमान से दो लाख गांठ कम है। इसमें 33 लाख गांठ पिछले साल का बकाया स्टॉक, 29 लाख गांठ आयात और 312 लाख गांठ घरेलू उत्पादन शामिल है।

वहीं, घरेलू मिलों की खपत 315 लाख गांठ, निर्यात 44 लाख गांठ को मिलाकर कुल खपत 359 लाख गांठ रहने का अनुमान है। इस प्रकार अगले सीजन 2019-20 के लिए बकाया स्टॉक 15 लाख गांठ रहेगा।

Created On :   11 Sep 2019 2:31 PM GMT

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