Aircel-Maxis case: ED ने की पी चिदंबरम से करीब 6 घंटे तक पूछताछ
- एयरसेल-मैक्सिस डील को लेकर पी चिदंबरम से पूछताछ।
- चिदंबरम से चली करीब 6 घंटों तक पूछताछ।
- पी. चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस डील को कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के बगैर ही हरी झंडी दे दी थी।
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। एयरसेल-मैक्सिस डील से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम से दूसरी बार पूछताछ की। ये पूछताछ करीब 6 घंटों तक चली। हालांकि, चिदंबरम ने एक बार फिर उसी बात को दोहराते हुए कहा कि उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है। बता दें कि पी. चिदंबरम पर आरोप है कि उन्होंने एयरसेल-मैक्सिस डील को कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के बगैर ही हरी झंडी दे दी थी।
सुबह 11 से शाम 5 बजे तक चली पूछताछ
जांच अधिकारियों ने बताया कि चिदंबरम सुबह करीब 11 बजे निदेशालय के मुख्यालय पहुंचे थे और शाम 5 बजे के बाद वह बाहर निकले। पूछताछ के बाद चिदंबरम ने ट्वीट करते हुए कहा कि ईडी ने एयरसेल मैक्सिस मामले में एक और दौर की पूछताछ की, इस मामले में कोई एफआईआर नहीं है और न कोई अपराध किया है। वहीं अधिकारियों ने बताया की पीएमएलए के तहत चिदंबरम के बयान दर्ज किये गए है। मालूम हो कि पिछली बार भी चिदंबरम से करीब 6 घंटे ही पूछताछ की गई थी।
पी. चिदंबरम पर क्या है आरोप?
बता दें कि पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को साल 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) की मंजूरी मिली थी। यह मंजूरी कार्ति चिदंबरम ने कैसे हासिल की, इसी बात की जांच CBI और ED कर रहे हैं। इसमें कार्ति के साथ-साथ पी. चिदंबरम को भी आरोपों के घेरे में लिया गया है।
पी. चिदंबरम पर आरोप है कि एयरसेल-मैक्सिस डील को तत्कालीन वित्त मंत्री पी चिंदबरम ने कैबिनेट कमेटी की मंजूरी के बगैर ही हरी झंडी दे दी थी। यह पूरी डील करीब 3500 करोड़ रुपए की थी। चिदंबरम पर आरोप है कि अपने बेटे कार्ति चिदंबरम को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से एफआईपीबी की फाइल को मंजूर किया था।
Created On :   12 Jun 2018 7:34 PM GMT