खाद्य तेल, तिलहन की भंडारण सीमा अवधि 31 दिसंबर तक बढ़ी
डिजिटल डेस्क, नयी दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण आपूर्ति संकट को देखते हुये खाद्य तेल एवं तिलहनों की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिये केंद्र सरकार ने 31 दिसंबर तक के लिये इनकी भंडारण सीमा तय कर दी है। यह सीमा एक अप्रैल से प्रभावी होगी। उपभोक्ता मामलों, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग ने बुधवार को जारी बयान में कहा कि भंडारण सीमा की अवधि अब बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दी गयी है।
आपूर्ति संकट के कारण खाद्य तेलों के दाम अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बढ़ गये हैं, जिनसे अब भारतीय बाजार भी अछूता नहीं रहा है। सरकार का कहना है कि खाद्य तेलों के दामों को नियंत्रित करने के लिये उसने बहुआयामी रणनीति तैयार की है। इसके तहत खाद्य तेलों का आयात शुल्क घटाया गया और एक वेब पार्टल बनाया गया है, जिस पर विभिन्न हितधारकों को अपनी भंडार स्थिति की स्वयं जानकारी देनी होती है।
केंद्र सरकार ने खाद्य तेलों के संबंध में खुदरा विक्रेताओं के लिये 30 क्विंटल, थोक विक्रेताओं के लिए 500 क्विंटल तथा तिलहन के संबंध में खुदा विक्रेताओं के लिये 100 क्विंटल और थोक विक्रेताओं के लिये 2,000 क्विंटल की सीमा तय की है। खाद्य तेलों का प्रसंस्करण करने वाली इकाइयां प्रतिदिन उत्पादन क्षमता के 90 दिन के बराबर मात्रा का भंडारण कर सकती हैं।
सरकार ने कहा है कि अगर वैधानिक प्रतिष्ठानों के पास भंडारण तय सीमा मात्रा से अधिक हुआ तो उन्हें यह खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के पोर्टल पर घोषित करना होगा। घोषणा के 30 दिन के भीतर उन्हें अपना भंडारण तय सीमा में लाना होगा। इस बीच लोकसभा में बुधवार को यह जानकारी दी गयी है कि जून 2021 से 14 मार्च 2022 के बीच भारत ने 62.84 लाख टन पाम ऑयल का आयात किया है।
आईएएनएस
Created On :   31 March 2022 4:01 PM IST