मप्र में घर लौटे मजदूरों को रोजगार देने की कवायद

Exercise to provide laborers returned home in MP
मप्र में घर लौटे मजदूरों को रोजगार देने की कवायद
मप्र में घर लौटे मजदूरों को रोजगार देने की कवायद

भोपाल, 4 जून (आईएएनएस)। ट्रेन-बस के जरिए लाखों मजदूरों की अपने गृह प्रदेशों में वापसी हो रही है। मध्य प्रदेश में भी अब तक लगभग छह लाख श्रमिक अपने घर लौटकर आ चुके हैं। वहीं यह आंकड़ा 10 लाख तक पहुंचने की संभावना भी जताई जा रही है। इन मजदूरों को रोजगार मुहैया कराने के प्रयास जारी है। इसके लिए सरकार सर्वेक्षण भी करा रही है।

राज्य सरकार द्वारा बुधवार की शाम तक उपलब्ध कराए गए आंकड़े बताते है कि राज्य में अब तक विभिन्न प्रदेशों में फं से करीब 5 लाख 87 हजार श्रमिक प्रदेश में वापस लाए जा चुके हैं। अपर मुख्य सचिव आईसीपी केशरी ने बताया है कि अब तक कोरोना संकट के चलते जिन श्रमिकों की वापसी हुई है। उनमें से ़1 लाख 76 हजार श्रमिक ट्रेनों से और लगभग 4 लाख 11 हजार श्रमिक बसों से वापस लाये गये हैं।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अन्य राज्यों से आए श्रमिकों का सर्वे कर रोजगार मुहैया कराने के निर्देश दिए है। सभी श्रमिकों को रोजगार मिले इसके लिए सर्वेक्षण कराया जा रहा है। सरकारी ब्यौरे के अनुसार सर्वे का यह कार्य पूर्व में तीन जून तक होना था जिसे बढ़ाकर छह जून कर दिया गया है।

आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि श्रम विभाग ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि श्रमिकों के सर्वे का कार्य ग्राम पंचायतों में सचिव, रोजगार सहायक तथा नगरीय क्षेत्रों में वार्ड प्रभारियों द्वारा पूरा कराया जाए। इस कार्य को एनआईसी (नेशनल इंफ ॉर्मेशन सेंटर)से विकसित मोबाइल एप के माध्यम से किया जा रहा है।

बताया गया है कि प्रवासी श्रमिक जो मध्यप्रदेश के मूल निवासी हैं, किन्तु उनकी समग्र आईडी नहीं है, ऐसे लोगों की समग्र पोर्टल पर आईडी जनरेट की जाएगी। इसके बाद ही इन श्रमिकों की समग्र आईडी का उल्लेख करते हुए ब्यौरा दर्ज किया जाएगा।

सरकारी कार्ययोजना के मुताबिक प्रवासी श्रमिकों के पंजीयन के बाद उनको योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। पंजीयन की जानकारी ग्रामीण विकास विभाग को भी उपलब्ध कराई जाएगी जिससे इच्छुक श्रमिकों को मनरेगा में काम दिया जा सके। साथ ही खाद्य विभाग द्वारा पात्र श्रमिकों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में नि:शुल्क खाद्यान्न उपलब्ध कराया जायेगा।

मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने रिवर्स माइग्रेशन से प्रदेश में कुल 10 से 13 लाख मजदूर प्रदेश लौटने का अनुमान जताते हुए कुशल और अकुशल श्रमिकों को ध्यान में रखकर रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कहा है। चौहान के मुताबिक अकुशल श्रमिकों को कार्य दिलाने के लिये प्रदेश में श्रमसिद्घि अभियान चालू किया गया है। वहीं कुशल मजदूरों को उनकी योग्यता के अनुसार रोजगार दिलवाने के लिये शार्ट एवं लांग टर्म प्लानिंग बनाई जाए। राज्य सरकार ने रोजगार सेतु योजना बनाई है। इससे कुशल श्रमिकों और काम देने वालों को जोड़ा जाए।

मुख्यमंत्री चौहान पूर्व में ही कुशल प्रवासी मजदूरों को तत्काल कार्य दिलाने के लिए निर्देश दे चुके हैं।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव के अनुसार श्रमसिद्घी अभियान के जरिए प्रदेश में श्रमिकों को रोजगार दिया जा रहा है। अधिकांश जिलों में मनरेगा हेल्पलाइन भी कार्य कर रही है। लगभग छह लाख नये जॉब कार्ड जारी किये गये हैं।

बताया गया है कि जिन श्रमिकों की राज्य में वापसी हो रही है उनमें से अधिकांश महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, हरियाणा, कर्नाटक तथा राजस्थान से आ रहे हैं और वे भवन एवं अन्य निर्माण कार्य, ईंट भट्टा, खनन, फैक्ट्री, टेक्सटाइल, कृषि एवं संबंधित गतिविधियों में कार्य करते हैं। इन मजदूरों को उनकी क्षमता और कार्यशैली के अनुरुप काम मिले यह प्रयास भी राज्य सरकार कर रही है।

Created On :   4 Jun 2020 7:00 AM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story