New Delhi News: एआई अब ग्रामीण और खुदरा क्षेत्र में भी ला रहा बदलाव, 100 अरब डॉलर तक पहुंचेगा डी2सी बाज़ार

- अब व्यवसाय का मूल ज़रिया बन गया है एआई-नेटिव
- ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र न केवल गति पकड़ रहे हैं; बल्कि ये बदलाव ला रहे हैं
New Delhi News. भारत का डिजिटल वाणिज्य परिदृश्य बड़े बदलाव के दौर से गुज़र रहा है, जो ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट की गहरी पहुंच, डायरेक्ट-टू-कंज्यूमर (डी2सी) ब्रांडों में तेज़ बढ़ोतरी और खुदरा क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को तेज़ी से अपनाए जाने से प्रेरित है। शिपरॉकेट और केपीएमजी की “मेड फॉर भारत, पावर्ड बाय एआई: द न्यू एज ऑफ कॉमर्स” रिपोर्ट के अनुसार, 88.6 करोड़ सक्रिय इंटरनेट उपयोगकर्ताओं (ग्रामीण भारत के 55 प्रतिशत) और यूपीआई की खुदरा डिजिटल भुगतानों में 84 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ, भारत के ग्रामीण और कस्बाई क्षेत्र न केवल गति पकड़ रहे हैं; बल्कि ये बदलाव ला रहे हैं। यह रिपोर्ट शुक्रवार को शिपरॉकेट शिविर- 2025 में लॉन्च की गई। डी2सी बाज़ार 2025 में 100 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है, जिसमें भारत डी2सी फंडिंग में वैश्विक स्तर पर दूसरे स्थान पर है। क्विक कॉमर्स मात्र शहरी सुविधा से अब देश भर की आदत में बदल गया है, जिसमें मासिक लेन-देन करने वाले उपयोगकर्ताओं में 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और 50 प्रतिशत से अधिक हर महीने पांच या इससे अधिक ऑर्डर दे रहे हैं। भारत में केपीएमजी के भागीदार - बिज़नेस कंसल्टिंग, मनुज ओहरी ने कहा कि एआई अब कोई भविष्योन्मुखी अवधारणा नहीं रह गई है, बल्कि यह वह उत्प्रेरक है, जो खुदरा क्षेत्र में बदलाव ला रहा है।
अब व्यवसाय का मूल ज़रिया बन गया है एआई-नेटिव
ओहरी ने कहा कि एआई-संचालित किराने की दुकानों से लेकर क्विक कॉमर्स को अपनाने वाले ग्रामीण उपभोक्ताओं तक, भारत अब नवोन्मेष का केंद्र बन चुका है। 2025 में एआई-नेटिव वाणिज्य का उदय हो रहा है, जहां इंटेलिजेंस कोई अतिरिक्त सुविधा नहीं, बल्कि व्यवसाय का मूल ज़रिया बन गया है। शिपरॉकेट के प्रबंध निदेशक साहिल गोयल ने कहा कि रिपोर्ट इस बात प्रकाश डालती है कि कैसे एआई अब भविष्य की महत्वाकांक्षा नहीं, बल्कि वर्तमान का मददगार है, खासकर एमएसएमई और डी2सी ब्रांडों के लिए"।
Created On :   11 July 2025 7:03 PM IST