New Delhi News: बौद्धिक उत्थान के साथ वैश्विक शक्ति के रूप में उभर कर आए भारत - उपराष्ट्रपति

बौद्धिक उत्थान के साथ वैश्विक शक्ति के रूप में उभर कर आए भारत - उपराष्ट्रपति
  • भारतीय ज्ञान प्रणाली पर प्रथम वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे धनखड़
  • बौद्धिक उत्थान के साथ वैश्विक शक्ति के रूप में उभर कर आए भारत

New Delhi News. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि भारत का वैश्विक शक्ति के रूप में उदय उसकी बौद्धिक और सांस्कृतिक गरिमा के उत्थान के साथ होना चाहिए। यह अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसा उदय ही टिकाऊ होता है और हमारी परंपराओं के अनुकूल होता है। एक राष्ट्र की शक्ति उसकी सोच की मौलिकता, मूल्यों की कालातीतता और बौद्धिक परंपरा की दृढ़ता में निहित होती है। यही सॉफ्ट पावर (सांस्कृतिक प्रभाव) है जो दीर्घकालिक होता है और आज के विश्व में अत्यंत प्रभावशाली है।

उपराष्ट्रपति यहां भारतीय ज्ञान प्रणाली (आईकेएस) पर प्रथम वार्षिक सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। औपनिवेशिक मानसिकता से परे भारत की पहचान को पुनः स्थापित करते हुए उन्होंने कहा, “भारत केवल 20वीं सदी के मध्य में बना राजनीतिक राष्ट्र नहीं है, बल्कि यह एक सतत सभ्यता है—चेतना, जिज्ञासा और ज्ञान की प्रवाहित नदी।” देशज ज्ञान को योजनाबद्ध ढंग से दरकिनार किए जाने की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि देशज विचारों को केवल आदिम और पिछड़ेपन का प्रतीक मानकर खारिज करना केवल एक व्याख्यात्मक भूल नहीं थी—यह मिटाने, नष्ट करने और विकृत करने की वास्तुकला थी। और अधिक दुखद यह है कि स्वतंत्रता के बाद भी यह एकतरफा स्मरण चलता रहा। पश्चिमी अवधारणाओं को सार्वभौमिक सत्य के रूप में प्रस्तुत किया गया।

Created On :   10 July 2025 8:39 PM IST

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