New Delhi News: अब मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बनेंगी तीन स्तरीय शिकायत निवारण समितियां, होगी सुनवाई

अब मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए बनेंगी तीन स्तरीय शिकायत निवारण समितियां, होगी सुनवाई
  • चिकित्सा छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए बड़ा कदम
  • राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग बनाएगा तीन स्तरीय शिकायत निवारण समितियां
  • मिली हुई शिकायतों और निपटाई गई शिकायतों का रिकॉर्ड भी रखना होगा

New Delhi News. राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) ने चिकित्सा छात्रों की समस्याओं के समाधान के लिए बड़ा कदम उठाया है। देश भर में तीन स्तरीय 'शिकायत निवारण समिति बनाने का निर्देश दिया है। हर मेडिकल कॉलेज तथा हर विश्वविद्यालय के साथ ही राज्य के स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा विभाग में शिकायत निवारण समिति बनानी होगी।

इन समितियों के पास मेडिकल स्टूडेंट्स अपनी शिकायत कर सकेंगे। जैसे अधिक फीस वसूली, स्टाइपेंड का भुगतान न होना, रैगिंग और उत्पीड़न, इंटर्नशिप के दौरान उत्पन्न होने वाली समस्याएं, पाठ्यक्रम, उपस्थिति, शिक्षण विधियों, परीक्षाओं और मूल्यांकन से संबंधित मुद्दे इत्यादि। मेडिकल कॉलेजों और स्वास्थ्य शिक्षा विभागों को अपनी वेबसाइट पर इन समितियों का विवरण डालना होगा।

मिली हुई शिकायतों और निपटाई गई शिकायतों का रिकॉर्ड भी रखना होगा। कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को एक वेब पोर्टल बनाना होगा जहां छात्र अपनी शिकायतें ऑनलाइन दर्ज कर सकते हैं। शिकायत का समाधान नहीं होने पर एनएमसी वेबसाइट पर भी शिकायत की व्यवस्था की गई है।


(एक नहीं कई तरह की दिक्कतें)

चिकित्सा छात्रों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इनमें शैक्षणिक दबाव, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, रैगिंग, और वित्तीय कठिनाइयां शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, उन्हें फैकल्टी और स्टाफ के दुर्व्यवहार, इंटर्नशिप में बाधाओं, और परीक्षा-संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

मुख्य परेशानियां

  • रैगिंग और उत्पीड़न: नए छात्रों को कई बार मानसिक या शारीरिक रूप से परेशान किया जाता है।
  • शैक्षणिक दबाव: पढ़ाई का अत्यधिक बोझ, तनाव और परीक्षा प्रणाली से जुड़ी समस्याएं।
  • अनुचित फीस वसूली: कुछ निजी कॉलेज मनमानी फीस लेते हैं और पारदर्शिता नहीं होती।
  • इंटर्नशिप में शोषण: इंटर्नशिप के दौरान छात्रों से लंबा काम लिया जाता है लेकिन पर्याप्त प्रशिक्षण या सम्मान नहीं मिलता।
  • अधूरी सुविधाएं: कुछ कॉलेजों में हॉस्टल, लैब, या पुस्तकालय जैसी बुनियादी सुविधाएं भी नहीं होतीं।

अत्यधिक तनाव

चिकित्सा छात्रों को पढ़ाई के अत्यधिक बोझ, कठिन परीक्षाओं, और लंबे समय तक काम करने के कारण अत्यधिक तनाव का अनुभव होता है। उनमें चिंता, अवसाद और बर्नआउट जैसी मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं आम हैं। कई छात्रों को फीस, रहने-खाने और अन्य खर्चों को लेकर वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

शिकायत निवारण प्रणाली की थी मांग

मेडिकल छात्रों की समस्याओं को सुनने और उनका समाधान करने के लिए एक प्रभावी शिकायत निवारण प्रणाली स्थापित करने की मांग लंबे समय से उठ रही थी। साथ ही छात्रों को मानसिक स्वास्थ्य सहायता प्रदान करने के लिए परामर्श सेवाएं और सहायता समूह उपलब्ध कराने के अलावा रैगिंग और उत्पीड़न के खिलाफ सख्त कार्रवाई की के साथ सुरक्षित वातावरण प्रदान करने की भी जरूरत काफी समय से महसूस की जा रही थी।

Created On :   9 July 2025 8:40 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story