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सियासी निशाना: शेलार ने कहा - पहलगाम में धर्म पूछकर गोली मारी, यहां भाषा पूछकर पीटा, आठवले बोले - मराठी के नाम पर दादागिरी बर्दाश्त नहीं

- राज तथा उद्धव के एक साथ आने से बीएमसी में महायुति को होगा फायदा
- बीएमसी पर हैं दोनों भाईयों की निगाह, इसलिए साथ आए- सरनाईक
- सरनाईक ने पत्र के जरिए ठाकरे बंधुओं पर साधा निशाना
New Delhi News. केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी आफ़ इंडिया (ए) के अध्यक्ष रामदास आठवले ने कहा कि मराठी भाषा के मुद्दे पर राज ठाकरे तथा उद्धव ठाकरे का गठबंधन अनिश्चितता से भरा हुआ है तथा उनके एक साथ आने से हमारी महायुति को सबसे बड़ा लाभ यह होगा कि महाविकास अघाड़ी टूट जाएगी तथा उद्धव ठाकरे को वहां हार का सामना करना पड़ेगा। आठवले ने यहां कहा कि हिंदी हमारी राष्ट्र भाषा है तथा हिंदी भाषियों का विरोध करना संवैधानिक दृष्टि से भी उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना द्वारा हिंदी भाषियों के साथ इन दिनों मुंबई में दादागिरी देखने को मिल रही है, जिसे तुरंत रोका जाना चाहिए। केंद्रीय मंत्री ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस प्रकार की घटनाओं में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं मुंबई की सदियों पुरानी ‘सर्वधर्म समभाव’ और ‘सांस्कृतिक एकता’ की पहचान को चुनौती देती हैं। उन्होंने कहा कि मराठी हमारी मातृभाषा है और उसका सम्मान हम सभी का गर्व है।
बीएमसी पर दोनों भाईयों की निगाह, इसलिए साथ आए
महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने के विरोध में शिवसेना (उद्धव) पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के मंच पर एक साथ आने को लेकर राजनीति लगातार जारी है। भाजपा विधायक एवं राज्य सरकार में सांस्कृतिक मंत्री आशीष शेलार ने रविवार को मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा उत्तर भारतीयों की पिटाई करने को पहलगाम की आतंकी घटना से जोड़ दिया। शेलार ने कहा कि जैसे आतंकवादियों ने पहलगाम में पर्यटकों को उनका धर्म पूछकर निशाना बनाया था, वहीं अब राज्य में भाषा पूछकर पीटा जा रहा है। आखिर दोनों घटनाओं में क्या फर्क है? शेलार ने राज ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या मनसे के कार्यकर्ताओं द्वारा की जा रही इस हरकत से उन्हें पीड़ा नहीं होती? उन्होंने कहा कि अगर आप मराठी और गैर मराठी के नाम पर हिंदुओं को पिटवाएंगे तो भाजपा यह सहन नहीं करेगी।
शेलार ने क्या कहा?
शेलार ने रविवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि मराठी हमारे लिए कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, लेकिन मुंबई से सटे मीरा-भायंदर में एक हिंदी भाषी व्यक्ति पर मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा किए गए हमले की तुलना पहलगाम आतंकी हमले से कर दी। शेलार ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले में लोगों को गोली मारने से पहले उनका धर्म पूछा गया था, यह निराशाजनक है कि अब यहां लोगों पर उनकी भाषा के आधार पर हमला किया जा रहा है। राज ठाकरे का नाम लिए बगैर शेलार ने कहा कि महाराष्ट्र देख रहा है कि मनसे नेता हिंदुओं की पिटाई का आनंद ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब दो भाई एक साथ आते हैं तो हमें खुशी होती है। लेकिन शनिवार की रैली में दोनों का भाषण सिर्फ बीएमसी की सत्ता हासिल करने के लिए था। अगर आपको हिंदी से इतनी नफरत है तो फिर आपके बच्चे तीन भाषाओं वाले स्कूलों में क्यों पढ़े? क्या महाराष्ट्र के बाकी बच्चों को इसका अधिकार नहीं है। शेलार ने कहा कि हम राज्य के मराठी लोगों और हिंदुओं की रक्षा करेंगे। हम विकास की राजनीति करते हैं, नफरत की नहीं। राज्य की जनता को पता लग गया है कि दोनों ठाकरे भाई सिर्फ सत्ता के लिए इस तरह का खेल खेल रहे हैं।
सरनाईक ने पत्र के जरिए ठाकरे बंधुओं पर साधा निशाना
राज्य सरकार में मंत्री और शिवसेना (शिंदे) विधायक प्रताप सरनाईक ने उद्धव और राज ठाकरे के एक साथ आने पर निशाना साधते हुए उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भावनात्मक पत्र लिखा है। सरनाईक ने पत्र में लिखा है कि अगर दोनों भाई मराठी के मुद्दे पर एक साथ आ रहे हैं तो पहले अलग होने का कारण किसके हित में था? उन्होंने कहा कि बीएमसी चुनाव की पृष्ठभूमि को देखकर दोनों भाई एक साथ आ रहे हैं, क्योंकि उनकी जान बीएमसी के खजाने में फंसी हुई है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि मराठी के स्वयंभू होने का दावा करने वालों ने ही मराठी का सबसे ज्यादा नुकसान किया है। मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश रची जा रही है। उद्धव ठाकरे की सरकार के दौरान बीएमसी के स्कूल अंग्रेजी मय हो गए। मराठी बोर्ड पर जोर देने वालों की शादी के कार्ड अंग्रेजी में क्यों छप रहे हैं? सरनाईक ने पत्र में आगे लिखा कि मिल मजदूरों को विरार, नालासोपारा और बदलापुर क्यों भेजा गया, आखिर इसका जिम्मेदार कौन है।
Created On :   6 July 2025 9:45 PM IST