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Mumbai News: बॉम्बे हाई कोर्ट से यौन उत्पीड़न की शिकार नाबालिग को गर्भपात की मिली इजाजत

- 15 वर्षीय नाबालिग 27 सप्ताह की है गर्भवती
- अदालत ने नाबालिग के पिता की याचिका को किया स्वीकार
Mumbai News बॉम्बे हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न की शिकार हुई नाबालिग को गर्भपात की इजाजत दी है। 15 वर्षीय नाबालिग 27 सप्ताह की गर्भवती है। मेडिकल बोर्ड ने राय दी है कि गर्भावस्था को जारी रखने से याचिकाकर्ता को गंभीर पीड़ा होगी। पीड़िता की मां ने मुंबई के पवई पुलिस स्टेशन में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के साथ-साथ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कराई है।
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति संदेश डी.पाटील की पीठ ने पीड़िता की पिता की याचिका को स्वीकार करते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि वह अपनी ‘मनोधैर्य योजना’ के तहत मुआवजे की प्रक्रिया करे और पीड़िता को मिलने वाली राशि का शीघ्र भुगतान करे। सरकारी वकील ने बताया कि पीडिता का मामला न्यायालय के समक्ष रखा जाएगा और समिति द्वारा अंतरिम मुआवजे पर निर्णय लिया जाएगा। इसलिए इस मामले के कागजात यथाशीघ्र समिति के समक्ष प्रस्तुत किए जाएं, जिससे यौन उत्पीड़न की शिकार याचिकाकर्ता को अंतरिम मुआवजा दिया जा सके।
पीठ ने पाया कि पीड़िता 10वीं कक्षा में पढ़ रही है और अपनी मैट्रिक परीक्षा देना चाहती है, जो मार्च 2026 में आयोजित होने वाली है। मनोचिकित्सा विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. मुजाहिद शेख की राय से पता चलता है कि पीड़िता जिसके साथ उसके पड़ोसी ने बिना सहमति के यौन संबंध बनाए, जिसके कारण वह गर्भवती हो गई। उसकी कम उम्र है।
वह बच्चे की भावनात्मक, आर्थिक और सामाजिक देखभाल करने की स्थिति में नहीं होगी। यह भी कहा गया है कि उसकी बौद्धिक क्षमता (आईक्यू - 80) सीमांत है। गर्भावस्था जारी रहने से अवसाद, चिंता, अभिघातज के बाद का तनाव और मनोवैज्ञानिक विकास में व्यवधान का बड़ा खतरा होगा। ऐसे में पीड़िता को भावनात्मक समर्थन और परामर्श की आवश्यकता होगी।
Created On :   7 Nov 2025 7:42 PM IST















