बॉम्बे हाई कोर्ट: 18 वर्ष के होते ही मतदाता सूची में नाम जोड़ने का अधिकार नहीं, सूची के संशोधन पर ही मिलेगा अवसर

18 वर्ष के होते ही मतदाता सूची में नाम जोड़ने का अधिकार नहीं, सूची के संशोधन पर ही मिलेगा अवसर
  • अदालत ने निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को युवती के आवेदन पर 6 सप्ताह के भीतर विचार करने का दिया निर्देश
  • मतदाता सूची के संशोधन पर ही मिलेगा अवसर

Mumbai News. बॉम्बे हाई कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि 18 वर्ष के होते ही मतदाता सूची में नाम जोड़ने का अधिकार नहीं है। यदि हर व्यक्ति ऐसे मतदाता पंजीकरण के लिए आवेदन जमा करना शुरू कर दे, तो इससे अधिकारियों पर सत्यापन का बोझ बढ़ जाएगा। इसलिए मतदाता सूची के संशोधन पर ही अवसर मिलेगा। अदालत ने दक्षिण मुंबई की युवती की मतदाता सूचि में नाम जोड़ने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया।

न्यायमूर्ति रियाज छागला और न्यायमूर्ति फरहान दुबाश की पीठ ने 18 वर्षीय रूपिका सिंह की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए कहा कि मतदान की स्वतंत्रता और मतदान के अधिकार में अंतर है। पीठ ने कहा कि जब भी मतदाता सूची में संशोधन होगा, 18 साल की उम्र पार कर चुके व्यक्ति को भी मतदाता सूची में शामिल किया जाएगा। हालांकि पीठ ने निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को मुंबई में मतदाता के रूप में नामांकन की इच्छुक याचिकाकर्ता के आवेदन पर 6 सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

याचिकाकर्ता इस साल अप्रैल में 18 साल की हो गईं। उन्होंने अपना आवेदन ऑनलाइन जमा करने का प्रयास किया, उनके आवेदन को स्वीकार नहीं किया गया। बाद में उन्हें पता चला कि स्थानीय निकाय चुनावों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 1 जुलाई 2025 निर्धारित की गई है, जिसका अर्थ है कि केवल वे युवा नागरिक जिनके नाम 1 जुलाई 2025 तक मतदाता सूची में शामिल हैं, उन्हें ही मतदान करने की अनुमति होगी। ऐसे में वह (याचिकाकर्ता) बीएमसी के चुनाव में मतदान नहीं कर पाएंगी। यह उनके मतदान के मौलिक अधिकार का उल्लंघन हो रहा है।

पीठ ने सुझाव दिया कि क्या संबंधित प्राधिकारी उनके आवेदन पर विचार करेंगे, तो भारत निर्वाचन आयोग और महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की ओर से वरिष्ठ वकील आशुतोष कुंभकोनी ने सहमति व्यक्त की। पीठ ने निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी को याचिकाकर्ता के आवेदन पर 6 सप्ताह के भीतर विचार करने का निर्देश दिया और उनकी याचिका का निपटारा कर दिया।

राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि राज्य स्थानीय निकाय चुनावों के लिए अक्टूबर 2024 तक तैयार मतदाता सूची को अपनाएगा। वरिष्ठ वकील कुंभकोनी ने गुरुवार को कहा कि आगामी नगर निगम चुनावों के लिए विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची को अपनाया जाएगा, इसलिए याचिकाकर्ता इस वर्ष मतदान नहीं कर पाएंगी। हर संसदीय या विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची में संशोधन किया जाता है।

Created On :   6 Nov 2025 9:17 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story