निवेशक उभरती प्रौद्योगिकी पर मेहरबान

Funding shortfall in startups, investors are kind to emerging technology
निवेशक उभरती प्रौद्योगिकी पर मेहरबान
स्टार्टअप में फंडिंग का टोटा निवेशक उभरती प्रौद्योगिकी पर मेहरबान
हाईलाइट
  • स्टार्टअप में फंडिंग का टोटा
  • निवेशक उभरती प्रौद्योगिकी पर मेहरबान
  • स्टार्टअप में फंडिंग का टोटा
  • निवेशक उभरती प्रौद्योगिकी पर मेहरबान

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मौजूदा वैश्विक परिदृश्य को देखते हुए वेंचर कैपिटल और निवेशकों ने जहां एक तरफ पारंपरिक स्टार्टअप में पैसा लगाना कम कर दिया है, वहीं दूसरी तरफ उन्हें ब्लॉकचेन, क्रिप्टो और एनएफटी तथा मेटावर्स में अधिक संभावनाएं दिख रही हैं। कोविड महामारी के दौरान दो साल से अधिक समय तक एडटेक, हेल्थटेक, ई ग्रासरी, फूड डिलीवरी और ऑनलाइन होम सर्विस क्षेत्र में स्टार्टअप तेजी से उभरे लेकिन अब निवेशक अपनी पूंजी कहीं और लगाने में ज्यादा दिलचस्पी ले रहे हैं।

अमेरिका में कैलिफोर्निया आधारित इनवेस्टमेंट फर्म एंड्रीस्सेल होरोविज ऐसे ही निवेशकों में से एक है। उसने हाल ही में दो नए फंड की घोषणा की। साढ़े चार अरब डॉलर के ये फंड क्रिप्टो और ब्लॉकचेन कंपनियों तथा इंटरनेट की नई पीढ़ी वेब 3.0 स्टार्टअप के लिए हैं। इसके अलावा 60 करोड़ डॉलर का गेम्स फंड वन गेमिंग उद्योग के लिए है।

इसी तरह सबसे बड़े क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज बाईनेंस के पूर्व अधिकारियों के एक समूह ने रिपोर्ट के अनुसार, 10 करोड़ डॉलर के वेंचर फंड की स्थापना की है। गेमिंग क्षेत्र में भारतीय स्टार्टअप के लिए अपार संभावनायें हैं। स्मार्टफोन के यूजर्स की बढ़ती संख्या और इंटरनेट डाटा पैक के सस्ता होने से हाई इंटेसिटी वाले गेमिंग डिवाइस और बड़े स्क्रीन भी जगह बना रहे हैं।

इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 43 करोड़ से अधिक लोग मोबाइल पर गेम खेलते हैं और 2025 तक इनकी संख्या बढ़कर 65 करोड़ हो सकती है। देश के 1.6 अरब डॉलर के गेमिंग बाजार में 90 प्रतिशत से अधिक बाजार हिस्सेदारी मोबाइल गेमिंग की है।

क्रैफ्टन इंक के इंडिया डिवीजन के प्रमुख्य सॉन सोन ने आईएएनएस से कहा कि भारत के गेमिंग इकोसिस्टम में हर आयु के गेमर है। गेम डेवलपर, डिजाइनर, निवेशक और विपणन करने वाले मिलकर लेटेस्ट गेम तैयार करते हैं और उसे गेमर्स को ऑफर करते हैं।इनवेस्टमेंट बैंकिंग प्लेटफॉर्म मैपल कैपिटल एडवाइजर की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में गेमिंग स्टार्टअप्स ने गत साल के शुरुआती नौ माह के दौरान 1.6 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई।

इनमें से करीब 90 फीसदी फंड ड्रीम स्पोर्ट्स और मोबाइल प्रीमियर लीग को मिला। शीर्ष वेंचर्स ने अन्य गेमिंग स्टार्टअप्स जैसे प्लेशिफु, जुपी और विंजो में करोड़ों डॉलर का निवेश किया। पबजी मोबाइल गेम डेवलपर क्रैफ्टन ने नॉडविन गेमिंग में 2.24 करोड़ डॉलर का निवेश किया।एक मेटावर्स और एनएफटी आधारित स्टार्टअप सैंडबॉक्स ने हाल में करीब 9.3 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई। जापान कके सॉफ्टबैंक ने पहली बार किसी क्रिप्टो एसेट में निवेश किया।

एनएफटी आधारित दूसरे स्टार्टअप स्फेरमियॉन को 10 करोड़ डॉलर का फंड मिला। कैमरन और टाइलर विंकलेवॉस ने इसमें निवेश किया है। नासकॉम के मुताबिक, पिछले पांच साल के दौरान भारत में क्रिप्टो का उद्योग 39 फीसदी से अधिक बढ़ा है। वेंचर इंटेलीजेंस यूनीकॉर्न ट्रैकर के मुताबिक, 2021 में 230 से अधिक क्रिप्टोटेक स्टार्टअप और 34 भारतीय कंपनियों ने यूनीकॉर्न का दर्जा हासिल किया।

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Created On :   29 May 2022 7:00 PM IST

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