मौजूदा संकट से निपटने का लिए गौतम अडानी ने लिया एक और बड़ा फैसला, इन दो चीजों में करेंगे कटौती
- अडानी ग्रुप निवेशकों का विश्वास पाने के लिए बड़े कदम उठा रहा है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद से गौतम अडानी पर संकट के बादल छाए हुए हैं। ग्रुप मौजूदा स्थिति से निपटने के लिए एक के बाद एक बड़े निर्णय ले रहा है। इसी क्रम में अब अडानी रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट और पूंजीगत व्यय (CapEx) में कटौती करने जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक, अब अडानी ग्रुप ने अपने रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट को आधा कर दिया है और नए कैपिटल एक्सपेंडिचर को रोकने की योजना बना रहा है।
दरअसल, शॉर्ट सेलर की रिपोर्ट आने के बाद से निवेशकों ने ग्रुप से अपने हाथ पीछे खींचने शुरू कर दिए थे, जिसके बाद से इसकी मार्केट वैल्यू में लगातार गिरावट जारी है। पिछले कुछ हफ्तों से अडानी ग्रुप इससे निपटने और अपने निवेशकों का विश्वास पाने के लिए बड़े कदम उठा रहा है।
इतना तय हुआ रेवेन्यू ग्रोथ टारगेट
अडानी ग्रुप अब कम से कम अगले वित्तीय वर्ष के लिए 15% से 20% के रेवेन्यू ग्रोथ का लक्ष्य बना रहा है, जबकि पहले यह टारगेट लगभग 40% था। ग्रुप से जुड़े लोगों ने कहा है कि इस बीच पूंजीगत व्यय प्लान्स में भी कटौती की जाएगी क्योंकि ग्रुप बड़े स्तर पर विस्तार के बजाय अपनी वित्तीय स्थिति को मजबूत करने में जुट गया है।
कंपनी के प्रतिनिधियों के अनुसार, कम से कम तीन महीने के लिए निवेश रोक देने से भी ग्रुप को 3 बिलियन डॉलर तक की बचत हो सकती है। यह एक ऐसा फंड है जिसका इस्तेमाल लोन चुकाने या नकदी को बढ़ावा देने के लिए किया जा सकता है। फिलहाल, ग्रुप के सभी प्लान्स पर विचार किया जा रहा है और जल्द ही इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।
पहले भी लिए जा चुके हैं बड़े निर्णय
अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद शुरू हुई गिरावट को रोकने और निवेशकों का विश्वास वापस जीतने के लिए कुछ बड़े फैसले लिए हैं। इस दौरान अडानी ने नुकसान की भरपाई के लिए कैश बचाने, कर्ज चुकाने और गिरवी रखे शेयरों को वापस लेने के बड़े फैसले लिए हैं. इस बीच, समूह ने अब हिंडनबर्ग के खिलाफ कानूनी लड़ाई की तैयारी शुरू कर दी है, जिसके लिए उसने अमेरिका की सबसे महंगी कानून फर्मों में से एक वाचटेल को काम पर रखा है। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर फ्रॉड और स्टॉक मैनिपुलेशन का आरोप लगाया था, जिसके बाद कंपनी की वैल्यू अभी तक आधे से ज्यादा गिर चुकी है।
आपको बता दें कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से पहले गौतम अडानी दुनिया के दूसरे नंबर के सबसे अमीर व्यक्ति थे।1980 के दशक में एक कृषि-व्यापारिक फर्म से शुरुआत करते हुए, समूह ने बंदरगाहों, हवाई अड्डों, कोयला खदानों, बिजली संयंत्रों और उपयोगिताओं को शामिल करने के लिए तेजी से अपने कारोबार का विस्तार किया। इन वर्षों में इसने ग्रीन एनर्जी, सीमेंट, मीडिया, डेटा केंद्रों और रियल एस्टेट में भी प्रवेश किया है।
Created On :   13 Feb 2023 3:13 PM IST