GST काउंसिल मीटिंग: सरकार जीएसटीएन में निजी इकाइयों से लेगी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी

government will take 51 percent stake in GSTN from private sector
GST काउंसिल मीटिंग: सरकार जीएसटीएन में निजी इकाइयों से लेगी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी
GST काउंसिल मीटिंग: सरकार जीएसटीएन में निजी इकाइयों से लेगी 51 प्रतिशत हिस्सेदारी

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। GST काउंसिल की 27वीं बैठक में शुक्रवार को अहम फैसला लेते हुए जीएसटी नेटवर्क (GSTN) को सरकारी कंपनी बनाने की मंजूरी दी गई है। सरकार जीएसटीएन में निजी इकाइयों से 51 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी। जीएसटीएन की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र के पास होगी और राज्यों के पास सामूहिक रूप से इसकी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में परिषद की बैठक विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई।

अब तक सरकार के पास थी 49 फीसदी हिस्सेदारी
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने समिति के सामने एक सुझाव रखा था, जिसमे उन्होंने वर्तमान मालिकाना ढांचे में बदलाव की मांग की गई थी। अभी तक सरकार के पास GSTN पर 49 फीसदी का हक होता था, जिसमे वह केंद्र और राज्य सरकार के बीच 24.5 - 24.5 फीसदी का बंटवारा करती थी और बाकी 51 प्रतिशत की मालिक निजी संस्थाएं होती थी। अरुण जेटली ने बताया कि समिति ने इस सुझाव पर गंभीरता से काफी देर तक विचार किया। समिति के सभी सदस्यों की सहमति के बाद यह सुझाव मान लिया गया।

अब सरकार लेगी 51 फीसदी हिस्सेदारी
अब सरकार जीएसटीएन में निजी इकाइयों से 51 प्रतिशत हिस्सेदारी लेगी। जीएसटीएन की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी केंद्र के पास होगी और राज्यों के पास सामूहिक रूप से इसकी 50 प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी। जेटली ने कहा कि कि पहले साल के कुल राजस्व पर भी चर्चा की गई, उन्होंने कहा राजस्व में हुई बढ़ोतरी काफी संतोष जनक है। लेकिन हमें अभी इसके विस्तार के बारे में और भी सोचना होगा। 

लाया गया उपकर का प्रस्ताव
इसके अलावा अन्य फैसले लेते हुए जीएसटी काउंसिल ने चीनी पर उपकर लगाने के प्रस्ताव को राज्यों के वित्त मंत्रियों की पांच सदस्यीय समिति को भेजने का फैसला किया है। सरकार गन्ना किसानों को 1,540 करोड़ रुपये की उत्पादन सब्सिडी देने के लिए अतिरिक्स संसाधन जुटाना चाहती है। चीनी मिलों को हो रहे भारी नुकसान के मद्देनजर उपकर का प्रस्ताव लाया गया है।

आसान की जाएगी फाईलिंग प्रक्रिया
GST रिटर्न फाईलिंग में परेशानी से जूझ रहे व्यापारियों को राहत दी है। बैठक में समिति ने व्यापारियों की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाने का फैसला लिया है।

एक महीने में तीन बार रिटर्न से राहत
अब व्यापारियों को एक महीनें में केवल एक बार रिटर्न दाखिल करना होगा। जिन व्यापारियों का लेन देन बिलकुल भी नहीं है और कम्पोजीशन स्कीम की सुविधा ले रहे है उन व्यापारीयों को तीन माह में एक बार रिटर्न भरना होगा। वहीं रिटर्न के ऑनलाइन फॉर्म को भी आसान किया गया है।

डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि समिति ने 5 मंत्रियों की कमेटी गठन करने का फैसला लिया है, जो ग्राहकों को डिजिटल पेमेंट पर मिलने वाले इंसेंटिव पर विचार करेगी। जेटली के अनुसार अगर ग्राहक पूरी तरह से डिजिटल पेमेंट करता है तो उसे 2 प्रतिशत इंसेंटिव दिया जाएगा, फिर चाहे वह बैंकिंग, चेक या किसी भी तरह से डिजिटली हुआ हो। उन्होंने कहा कि राज्य के 5 मंत्रियों की कमेटी का गठन 2 दिनों के भीतर कर दिया जाएगा, जो इससे जुड़े हर पहलुओं पर विचार करेगी।

Created On :   4 May 2018 4:51 PM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story