बिकेगा 150 साल पुराना ब्रांड हॉर्लिक्स, खरीदने के लिए बड़ी कंपनियां लगा रहीं दौड़

gsk is selling 150 years old Brand Hoicks,companies racing to buy
बिकेगा 150 साल पुराना ब्रांड हॉर्लिक्स, खरीदने के लिए बड़ी कंपनियां लगा रहीं दौड़
बिकेगा 150 साल पुराना ब्रांड हॉर्लिक्स, खरीदने के लिए बड़ी कंपनियां लगा रहीं दौड़

 


डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत में बेहद लोकप्रिय और लगभग 150 साल पुराना ब्रांड हॉर्लिक्स बिकने जा रहा है। ब्रिटेन की कंपनी फार्मास्युटिकल ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन (GSK ) नोवार्तिस के साथ ग्‍लोबल कंज्‍यूमर हेल्‍थकेयर जॉइंट वेंचर में शेष हिस्सेदारी खरीदने के लिए अपना हेल्थ फूड ड्रिंक ब्रांड हॉर्लिक्स को बेचने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कंपनी की योजना इस जॉइंट वेंचर में नोवार्टिस की हिस्‍सेदारी खरीदने के लिए 13 अरब डॉलर का फंड जुटाने की है। फिलहाल इस डील की डिटेल्‍स पूरी तरह साफ नहीं है, ऐसे में ये अभी साफ नहीं कहा जा सकता कि ग्‍लैक्‍सो अपनी भारतीय सब्सिडियरी जीएसके कंज्‍यूमर हेल्‍थकेयर लिमिटेड इंडिया में 72.5 फीसदी की अपनी हिस्‍सेदारी कम करेगी या नहीं। गौरतलब है कि हॉर्लिक्‍स और अन्‍य न्‍यूट्रीशनल प्रॉडक्‍ट्स की ज्‍यादातर ब्रिकी भारत में होती है। हॉर्लिक्‍स और अन्‍य न्‍यूट्रीशनल प्रॉडक्‍ट्स की कुल बिक्री 2017 में 5,065 करोड़ रुपए रही। इसमें हॉर्लिक्‍स की लगभग 85-90 फीसदी बिक्री भारत में हुई। दिसंबर 2017 में जीएसके कंज्‍यूमर हेल्‍थकेयर लिमिटेड में हॉर्लिक्स की हिस्‍सेदारी 43.16 फीसदी थी।

जुलाई 2017 में जीएसके ने ब्रिटेन का हॉर्लिक्‍स बिजनेस बेचने की घोषणा की थी। जीएसके को उम्‍मीद है कि 2018 के अंत तक भारतीय इकाई में फेरबदल की यह प्रक्रिया पूरी हो जायेगी। जीएसके के ग्लोबल कॉर्पोरेट मीडिया रिलेशंस के उपाध्यक्ष सिमोन स्टील के मुताबिक, उपभोक्ता हेल्थकेयर कारोबार विकास के अवसर के लिए अपने ओवर द काउंटर और ओरल हेल्थ ब्रांड्स, जैसे सेन्सोडाइन टूथपेस्ट और ईनो एंटासिड पर निवेश करना जारी रखेगा।

 

horlicks, के लिए इमेज परिणाम

 

 हॉर्लिक्स को खरीदने की मची होड़

GSK का कन्ज्यूमर न्यूट्रिशन बिजनेस खरीदने की दौड़ में ITC के अलावा नेस्ले, यूनिलीवर, डैनोन, मॉन्डलेज, एबॉट और पेप्सिको जैसी मल्टीनैशनल कंपनियां शामिल हो सकती हैं। इंडस्ट्री से जुड़े सूत्र ने कहा कि हाल ही में पैकेज्ड मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट शुरू करने वाली ITC को हॉर्लिक्स की खरीदारी से अपना फूड पोर्टफोलियो बढ़ाने में काफी मदद मिल सकती है। इस बारे में ITC, नेस्ले, हिंदुस्तान यूनिलीवर, मॉन्डलेज, एबॉट और पेप्सिको के प्रवक्ता ने कोई जानकारी देने से मना कर दिया। उनका कहना था कि वे मार्केट की अटकल पर टिप्पणी नहीं करते।

GSK के प्रवक्ता का कहना था, "हमने मंगलवार को जो घोषणा की थी उससे आगे हम कोई जानकारी नहीं दे सकते।" कंपनी ने मंगलवार को कहा था कि वह हॉर्लिक्स सहित अपना न्यूट्रिशन प्रॉडक्ट्स बिजनस बेच सकती है। GSK अपने ग्लोबल कन्ज्यूमर हेल्थकेयर जॉइंट वेंचर में नोवार्टिस की हिस्सेदारी खरीदने के लिए 13 अरब डॉलर का फंड जुटाना चाहती है। इसीलिए वो अपना न्यूट्रिशन बिजनस बेचना चाहती है। GSK को हॉर्लिक्स और अन्य न्यूट्रिशन प्रॉडक्ट्स के रेवेन्यू का बड़ा हिस्सा भारत से मिलता है। 

दुनिया की सबसे बड़ी पैकेज्ड फूड कंपनी नेस्ले ने भारत में 10,000 करोड़ रुपए की बिक्री का आंकड़ा हाल ही में पार किया है। इसके पास माइलो जैसा मॉल्ट ड्रिंक है जबकि इसी कैटिगरी में फ्रांस की कंपनी डैनॉन का प्रोटिनेक्स और एबॉट का पीडियास्योर और एनश्योर भी है। डैनॉन ने पिछले वर्ष फरवरी में कहा था कि उसने 2020 तक भारत में अपना रेवेन्यू दोगुना करने की योजना बनाई है। कंपनी हेल्थ और न्यूट्रिशन सेगमेंट में 10 प्रॉडक्ट्स लॉन्च करेगी। इंडस्ट्री से जुड़े एक एग्जिक्युटिव ने बताया कि पेप्सिको ने लगभग तीन वर्ष पहले हॉर्लिक्स को खरीदने की संभावना पर आंतरिक रूप से विचार-विमर्श किया था। 

कुछ जानकारों का मानना है कि अगर कोई बड़ी पैकेज्ड फूड कंपनी हॉर्लिक्स को खरीदती है तो इससे उसको सिर्फ अपनी सेल्स बढ़ाने में मदद मिलेगी क्योंकि हॉर्लिक्स की ग्रोथ पिछले 2-3 वर्षों से धीमी बनी हुई है। कोटक सिक्यॉरिटीज के रोहित चोरडिया, जयकुमार दोशी और अनिकेत सेठी ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है, "पिछले तीन वर्षों में कमजोर ग्रोथ के बावजूद मिल्क-फूड-ड्रिंक भारत में ग्रोथ वाली कैटिगरी बनी रह सकती है। GSK के इन ब्रैंड्स में बड़ी फूड कंपनियां दिलचस्पी ले सकती हैं।" GSK कन्ज्यूमर को भारत से मिलने वाले रेवेन्यू में हॉर्लिक्स की हिस्सेदारी तीन-चौथाई की है। 

क्या है हॉर्लिक्‍स की कहानी

हॉ‍र्लिक्‍स को 1873 में ब्रिटिश भाइयों विलियम और जेम्‍स हॉर्लिक ने ईजाद किया था। ये दूसरे विश्‍व युद्ध के खत्‍म होने के बाद एक डायटरी सप्‍लीमेंट के रूप में भारत लाया गया. यह काफी लोकप्रिय हुआ और मार्केट लीडर बन गया। भारत में इसके प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों में कॉम्‍प्‍लैन, बॉर्नवीटा, बूस्‍ट जैसे नाम शामिल हैं। इनमें से बूस्‍ट और वीवा जीएसके के ही प्रॉडक्‍ट्स हैं, वहीं कॉम्‍प्‍लैन को जीएसके ने हेन्‍ज को बेच दिया था। बॉर्नवीटा की ओनरशिप मॉन्‍डेलेज इंटरनेशनल इंक के पास है। मार्केट में अब हेल्थ फूड ड्रिंक्स की ब्रिकी में गिरावट आयी है। इसकी वजह तरह-तरह के जूस और ओट्स का आना है। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इसी के मद्देनजर जीएसके ने हॉर्लिक्स को बेचने का फैसला किया है।
 

Created On :   29 March 2018 1:47 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story