अब लगंर पर GST की मार, गुरुद्वारा अधिकारी फैसले पर नाराज

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश में जब से गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) लागू किया गया है तब से ही इसका विरोध किया जा रहा है। देश में किसी ना किसी तबके के लोग इस नई टैक्स प्रणाली से नराज है। अब इस नई प्रणाली ने इस बार सिख समुदाय को नराज कर दिया है। बीजेपी सरकार के शासन में देश में 450 सालों में पहली बार गुरुद्वारों में होने वाले लंगरों पर GST टैक्स लगा दिया गया है। लंगर की परंपरा साढ़े चार सौ से चल रही है, लेकिन अब टैक्स के दायरे में आने के बाद। सिख समुदाय इससे खासा नाराज है। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने स्वर्ण मंदिर में चलने वाले वाले लंगर पर GST लगाने का विरोध किया है। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने सरकार से मांग की है कि सरकार जल्द ही लंगर पर लगाए गए GST के आदेश को वापस ले।
शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी की GST में छूट की मांग
इससे पहले शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, जो कि सभी गुरुद्वारों का प्रबंधन देखती है भी इस फैसले का विरोध कर चुकी है. केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने केंद्र सरकार से आग्रह किया था कि अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर और अन्य सिख धार्मिक स्थलों में मौजूद मुफ्त रसोईघर के जरिए लोगों में बांटे जाने वाले लंगर के लिए GST में छूट दी जाए।
450 साल के इतिहास में पहली बार सेवा पर टैक्स
वहीं इस में लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह बग्गा ने एक प्रेस कांफ्रेस को संबोधित करते हुए कहा, “गुरुद्वारों के 450 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि लंगर सेवा पर टैक्स लगाया गया है।” यूपी के पूर्व मंत्री और एमएलसी बलवंत सिंह रामूवालिया भी इस प्रेस कांफ्रेस में मौजूद थे। रामूवालिया ने सरकार से आग्रह किया है कि वे तत्काल प्रभाव से देश के गुरुद्वारों द्वारा दिए जाने वाले लंगर से GST हटा लें।
अखिलेश यादव ने जताया विरोध
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने स्वर्ण मन्दिर अमृतसर सहित सभी गुरद्वारों से लंगर और प्रसाद वितरण पर केन्द्र सरकार के जरिए लागू GST तत्काल हटाने की मांग का समर्थन किया है और कहा है कि बिना किसी भेदभाव के सभी को निःशुल्क भोजन दान को बीजेपी ने दण्डित करने का निंदनीय कार्य किया है। बीजेपी सरकार को न केवल लंगर सेवा अपितु लंगर की खरीद को भी GST मुक्त करना चाहिए। धार्मिक स्थलों में इस तरह जहां सबके लिए भोजन की व्यवस्था हो, वहां GST लगाने का कोई औचित्य नहीं है।
गौरतलब है कि लंगर में बांटे जाने वाले खाने पर GST नहीं लगाया गया है बल्कि भोजन बनाने के लिए खरीदी जाने वाली सामग्री पर GST लगाया गया है। लखनऊ गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अनुसार 14 अप्रैल को सभी गुरुद्वारों में लंगर से GST हटाने को लेकर प्रस्ताव पारित किया जाएगा और इसे बाद में केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
Created On :   8 April 2018 9:52 AM IST