आइडिया और वोडाफोन को विलय से पहले देने होंगे 18,870 करोड़

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । आइडिया और वोडाफोन का विलय जून अंत तक पूरा होगा। इस विलय से पहले दोनों कंपनियों को टेलीकॉम विभाग को करीब 18,870 करोड़ रुपए देने होंगे। ये रकम बची हुई लाइसेंस फीस, स्पेक्ट्रम उपयोग करने का चार्ज और एक बार का स्पेक्ट्रम चार्ज के तौर पर देनी होगी। मामले की जानकारी रखने वाले 3 लोगों ने ये बताया कि विलय तभी पूरा होगा जब ये शर्तें पूरी होंगी।
कैग की रिपोर्ट के मुताबिक वोडाफोन की लाइसेंस फीस और स्पेक्ट्रम का 5,532 करोड़ बकाया है। इसके अलावा एक बार की 3600 करोड़ रुपए की स्पेक्ट्रम फीस भी बाकी है। आइडिया की करीब 7,625 करोड़ रुपए के स्पेक्ट्रम के चार्ज और 2,133 करोड़ की एक बार की स्पेक्ट्रम की फीस बाकी है।
दूरसंचार विभाग भेजेगा नोटिस
हालांकि दूरसंचार विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि विभाग जल्द ही इन दोनों कंपनियों को करीब 19 हजार करोड़ रुपए के लिए डिमांड नोटिस भेजेगा। अगर लाइसेंस फीस और एसयूसी बकाए को कानूनी रूप से चुनौती दी जाती है तो विभाग वन टाइम स्पैक्ट्रम चार्ज के लिए करीब 5,713 करोड़ रुपए की बैंक गारंटी की डिमांड करेगा। ये कदम वो टैलीकॉम सेक्टर में मर्जर एंड एक्विजिशन के मौजूदा नियमों के मुताबिक उठाएगा। ऐसा वो ओटीएससी बकाये का मामला कोर्ट में होने के बावजूद करेगा।
DoT के वरिष्ठ अधिकारी ने ईटी को बताया कि आइडिया कंपनी में 100 फीसदी FDI की मंजूरी मांग रही है। दोनों कंपनियों की तरफ से वो बची हुई रकम को लेकर बातचीत कर रही है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कुमार मंगलम बिड़ला की कंपनी विलय के बाद अपना लाइसेंस जारी रखेगी। इस खबर पर दोनों कंपनियों ने कोई जवाब नहीं दिया है। हाल ही में TDSAT ने टेलीकॉम विभाग से भारती एयरटेल और टेलीनॉर के विलय को बिना बैंक ग्यारंटी के मंजूरी देने के लिए कहा था। भारत में वोडाफोन 2 नंबर पर है और आइडिया तीसरे नंबर की टेलीकॉम कंपनी है। दोनों के विलय के बाद 41 करोड़ ग्राहकों की कंपनी बनेगी जिसका भारत के 42 प्रतिशत टेलीकॉम बाजार पर कब्जा होगा। दोनों कंपनियों को जियो कड़ी टक्कर दे रही है।
Created On :   13 April 2018 1:04 PM IST