भारत बहुपक्षीय ऋणदाता ईबीआरडी में शामिल होगा 

india to join multilateral EBRD(european bank for reconstruction and development)
भारत बहुपक्षीय ऋणदाता ईबीआरडी में शामिल होगा 
भारत बहुपक्षीय ऋणदाता ईबीआरडी में शामिल होगा 
हाईलाइट
  • इससे भारतीय कम्पनियां ऐसे क्षेत्रों में संयुक्त निवेश करने में सक्षम होगी जिसे ईबीआरडी संचालित करता है।
  • ईबीआरडी 38 देशों में सेवाओं और बुनियादी सुविधा के प्रावधान में निजी क्षेत्रों और स्थानीय सरकारों के साथ काम करता है।
  • ईबीआरडी का लार्जेस्ट शेयर होल्डर है अमेरिका और बाकि जी-7 देशो का भी इसमें अच्छी खासी पकड़ है।
  • यूरोपियन बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट के शेयरधारकों ने अपने 69वें स

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। यूरोपियन बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट के शेयरधारकों ने अपने 69वें सदस्य के तौर पर भारत को शामिल कर लिया है। इससे भारतीय कम्पनियां ऐसे क्षेत्रों में संयुक्त निवेश करने में सक्षम होगी जिसे ईबीआरडी संचालित करता है। ईबीआरडी 38 देशों में सेवाओं और बुनियादी सुविधा के प्रावधान में निजी क्षेत्रों और स्थानीय सरकारों के साथ काम करता है।

 

Image result for ebrd

 

 

क्या है ईबीआरडी?

ईबीआरडी जिसे यूरोपियन बैंक ऑफ रिकंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट कहा जाता है साल 1991 में स्थापित किया गया था। ये एक ऐसी अंतराष्ट्रीय वित्तीय संस्था है जो एक निवेश बैंक की तरह काम करती है। बाजार की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ये निवेश को एक साधन की तरह इस्तेमाल करती है।

 

जानिए ईबीआरडी के इतिहास के बारे में 

दरअसल इसकी स्थापना 1991 में राष्ट्रपति फ्रेंच फ्रांकोइस मिटटेरंड के द्वारा की गयी थी। इसकी स्थापना का मुख्य कारण था मध्य और पूर्वी यूरोपियन देशों की मदद करना, जिनकी अर्थव्यवस्था को कोल्ड वॉर के समय भारी नुकसान उठाना पड़ा था। 

 

ये है ईबीआरडी का लक्ष्य 

ईबीआरडी बुनियादी सुविधा, प्राइवेट सेक्टर और अर्थव्यवस्था को बढ़ाने के लिए कम से कम 38 देशों की मदद करता है। मंगोलिया, टर्की, मिस्त्र, साइप्रस, ग्रीस और लेबनान ऐसे देश हैं जो प्रोजेक्ट्स में निवेश करने के लिए इस बैंक से मदद लेते हैं। वहीं विश्व के कुछ ताकतवर देश जो की ईबीआरडी के हितधारकों में गिने जाते हैं वो है- चीन, अमेरिका, यूके और फ्रांस। इन सभी देशों की कंपनियां ईबीआरडी के प्रोजेक्ट्स में निवेश करती हैं, लेकिन डोमेस्टिक वित्तपोषण प्राप्त नहीं करती है। 

 

वहीं व्यापारी क्षेत्र में भारत ने ईबीआरडी के प्रोजेक्ट्स में लगभग €982 मिलियन का सहयोग पहले से ही किया हुआ है। ईबीआरडी का लार्जेस्ट शेयर होल्डर है अमेरिका और बाकि जी-7 देशो का भी इसमें अच्छी खासी पकड़ है। 

 

ईबीआरडी प्राइवेट सेक्टर्स और लोकल गवर्मेंट के साथ कई क्षेत्रों में काम करती है जैसे- सेवा क्षेत्र, रिन्यूएबल एनर्जी, वेस्ट मेनेजमेंट और इंफ्रास्ट्रक्चर। 
 

Created On :   8 March 2018 12:23 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story