भारत का सेमीकंडक्टर कंपोनेंट बाजार 2026 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना
- भारत का सेमीकंडक्टर कंपोनेंट बाजार 2026 तक 300 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत का सेमीकंडक्टर पुर्जो का बाजार 2026 तक संचयी राजस्व में 300 अरब डॉलर तक पहुंचने की संभावना है, क्योंकि मेक इन इंडिया और उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाएं आने वाले वर्षो में अर्ध-पुर्जो की स्थानीय सोर्सिग को बढ़ावा देंगी। मंगलवार को एक नई रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। मोबाइल और वियरेबल्स, आईटी और औद्योगिक खंड वर्तमान में 2021 में देश में सेमीकंडक्टर राजस्व में लगभग 80 प्रतिशत का योगदान करते हैं।
इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स एंड सेमीकंडक्टर एसोसिएशन (आईईएसए) और काउंटरपॉइंट रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक, आगे नीतिगत सुधार और सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम के निर्माण से आयात पर निर्भरता कम होगी।
आईईएसए के सीईओ और अध्यक्ष कृष्ण मूर्ति ने कहा, इस दशक के अंत से पहले, ऐसा कुछ भी नहीं होगा जो इलेक्ट्रॉनिक्स और सर्वव्यापी चिप द्वारा छुआ नहीं जाएगा। चाहे वह कार्बन उत्सर्जन, नवीकरणीय ऊर्जा, खाद्य सुरक्षा, या स्वास्थ्य देखभाल से लड़ रहा हो, सेमीकंडक्टर चिप सर्वव्यापी होगा। भारत सरकार ने हाल ही में अपनी पीएलआई योजना के तहत सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले मैन्युफैक्च रिंग इलेक्ट्रॉनिक्स इकोसिस्टम के विकास के लिए अलग से 76,000 करोड़ रुपये (करीब 10 अरब डॉलर) के परिव्यय की घोषणा की।
इस बीच, महाराष्ट्र ने पुणे में सनराइज सेमीकंडक्टर्स चिप्स और डिस्प्ले फैब्रिकेशन सेक्टर में वेदांता ग्रुप-फॉक्सकॉन की साझेदारी से 2.06 लाख करोड़ रुपये का शानदार निवेश जीतने के लिए कम से कम 5 राज्यों को पछाड़ दिया है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के अनुसंधान निदेशक तरुण पाठक ने समझाया, फीचर फोन से स्मार्टफोन में क्रमिक बदलाव उन्नत लॉजिक प्रोसेसर, मेमोरी, इंटीग्रेटेड कंट्रोलर, सेंसर और अन्य पुर्जो के अनुपात में वृद्धि कर रहा है।
यह स्मार्टवॉच और टीडब्ल्यूएस जैसे वियरेबल्स के उदय से सहायता प्राप्त स्मार्टफोन में सेमीकंडक्टर सामग्री के मूल्य को बढ़ाना जारी रखेगा। काउंटरपॉइंट के उपाध्यक्ष नील शाह के अनुसार, सेमीकंडक्टर पुर्जो के लिए अगला बड़ा उछाल सभी क्षेत्रों से आएगा। शाह ने कहा, हालांकि, 5जी के आगमन और फाइबर नेटवर्क रोलआउट के साथ दूरसंचार क्षेत्र सेमीकंडक्टर पुर्जो की खपत को बढ़ाने में एक प्रमुख उत्प्रेरक होगा। 2021 में, राजस्व के मामले में भारत का अंतिम उपकरण बाजार 119 अरब डॉलर का था। इसके 2021 से 2026 तक 19 फीसदी की सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि भारत में इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन एंड मैन्युफैक्च रिंग (ईएसडीएम) सेक्टर सोर्सिग कंपोनेंट्स से लेकर डिजाइन मैन्युफैक्च रिंग तक देश के समग्र विकास में एक प्रमुख भूमिका निभाएगा।
सोर्सः आईएएनएस
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Created On :   16 Aug 2022 7:00 PM IST