वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों की ब्याज और कर पूर्व आय प्रभावित होगी

Interest and pre-tax income of Indian companies to be affected in Q3 of FY 2021-22: CRISIL
वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों की ब्याज और कर पूर्व आय प्रभावित होगी
क्रिसिल वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में भारतीय कंपनियों की ब्याज और कर पूर्व आय प्रभावित होगी
हाईलाइट
  • 40 में से 27 क्षेत्रों में उनके एबिटा मार्जिन में कमी आने की संभावना है

डिजिटल डेस्क, मुंबई। वित्त वर्ष 2021-22 की तीसरी तिमाही में साल-दर-साल के आधार पर भारतीय कंपनियों के लाभात्मक मार्जिन में गिरावट का अनुमान है। वैश्विक विश्लेषक कंपनी क्रिसिल के 300 कंपनियों के विश्लेषण के अनुसार, वित्तीय सेवाओं और तेल और गैस क्षेत्रों को छोड़कर, समीक्षाधीन अवधि के दौरान सालाना आधार पर उनमें 100-120 आधार अंक (बीपीएस) और क्रमिक रूप से 70-100 बीपीएस की गिरावट का अनुमान है।

विश्लेषण से पता चला है कि 40 में से 27 क्षेत्रों में उनके एबिटा मार्जिन में कमी आने की संभावना है। उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्र में यह मार्जिन सालाना आधार पर 130-150 बीपीएस और निर्यात से जुड़े क्षेत्र में 200-250 बीपीएस तक गिरने की संभावना है। इसके अलावा, सूचना प्रौद्योगिकी सेवाओं में 230-250 बीपीएस की कमी आ सकती है गया, जबकि बढ़ती इनपुट लागत के कारण इस्पात उत्पादों और फार्मास्यूटिकल्स में 110-130 बीपीएस की गिरावट का अंदेशा है।

क्रिसिल निदेशक, हेतल गांधी ने कहा, कंपनियां बढ़ती इनपुट लागत, विशेष रूप से प्रमुख धातुओं और ऊर्जा की कीमतों को पूरी तरह से वहन करने में सक्षम नहीं थीं। तीसरी तिमाही में फ्लाट स्टील की कीमतें सालाना आधार पर 48 फीसदी अधिक थीं, जबकि एल्यूमीनियम की कीमतें 41 फीसदी ऊपर थी।

ब्रेंट क्रूड की कीमत में लगभग 79 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि स्पॉट गैस और कोकिंग कोल की कीमतों में क्रमश: 5.4 गुना और 2.4 गुना बढ़ोत्तरी हुई।

आईएएनएस

Created On :   11 Jan 2022 10:30 PM IST

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