इराक देगा भारत को सबसे ज्यादा तेल 

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इराक देगा भारत को सबसे ज्यादा तेल 
इराक देगा भारत को सबसे ज्यादा तेल 
हाईलाइट
  • अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 में 15.5 मिलियन टन के साथ वेनेजुएला भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल प्रदायक है। उसके बाद 14.9 मिलियन टन के साथ नाइजीरिया है।
  • इराक भारत का शीर्ष कच्चा तेल प्रदायक बनने के लिए एक व्यापक अंतर द्वारा सऊदी अरब से आगे निकल गया है।
  • ओपेक पहली बार सन 1960 में बगदाद में स्थापित किया गया था।
  • ओपेक (आर्गेनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कन्ट्रीज) पेट्रोलियम उत्पादक 14 देशों का संगठन है।
  • लेकिन

डिजिटल डेस्क,नई दिल्ली। इराक भारत का शीर्ष कच्चा तेल प्रदायक बनने के लिए एक व्यापक अंतर द्वारा सऊदी अरब से आगे निकल गया है। सऊदी अरब के बाद 2010 से 2011 तक ईरान भारत का दूसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल प्रदायक था, लेकिन पश्चिमी प्रतिबंधों ने इसे बाद के वर्षो में 7वें स्थान पर पंहुचा दिया। अप्रैल 2017 से जनवरी 2018 में 15.5 मिलियन टन के साथ वेनेजुएला भारत का चौथा सबसे बड़ा तेल प्रदायक है। उसके बाद 14.9 मिलियन टन के साथ नाइजीरिया है। 

 

ऐसे बना इराक सबसे बड़ा तेल प्रदायक 

इस वर्ष इराक ने भारत को कच्चा तेल भारी मात्रा में डिस्काउंट में दिया है। वही सऊदी अरब आधिकारिक तौर पर ओपेक के तेल के दाम पर ही बेच रहा है। हाल ही में कच्चे तेल के कम उत्पादन के कारण ही ओपेक के दामों में बढ़ोतरी आई है। इराक की संपूर्ण अर्थव्यवस्था कच्चे तेल के व्यापार पर ही टिकी हुई है। इसलिए इराक ओपेक के दामों का पालन नहीं कर रहा। हालांकि भारत ने अपने तेल कारखानों का आधुनिकीकरण करने में काफी निवेश किया है जिसके कारण अगर कच्चे तेल की क्वालिटी में भी कमी हो जैसे बसरा हैवी क्रूड (इराक) तो भी कोई दिक्कत नहीं होगी। 

 

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ओपेक 

ओपेक (आर्गेनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कन्ट्रीज) पेट्रोलियम उत्पादक 14 देशों का संगठन है। ओपेक  पहली बार सन् 1960 में बगदाद में स्थापित किया गया था। इसके सदस्य हैं: अल्जीरिया, अंगोला, इक्वाडोर, इरान, ईराक, कुवैत, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, कतर, नाइजीरिया, लीबिया तथा वेनेजुएला। 

 

सन् 1965 से ही इस संगठन का मुख्यालय विएना (ऑस्ट्रिया) में है। जहां सदस्य देशों के तेल मंत्रियों की समय-समय पर बैठक हुआ करती है। हाल में ही इण्डोनेशिया की सदस्यता इस संघटन से समाप्त हो गई क्योंकि अब ये तेल निर्यातक के बजाय आयातक हो चुका है।


 

Created On :   8 March 2018 12:43 PM IST

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