दलहन, तिलहन फसलों की पैदावार बढ़ाने की जरूरत : तोमर

Need to increase yield of pulses, oilseed crops: Tomar
दलहन, तिलहन फसलों की पैदावार बढ़ाने की जरूरत : तोमर
दलहन, तिलहन फसलों की पैदावार बढ़ाने की जरूरत : तोमर
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नई दिल्ली, 16 जुलाई (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के 92वें स्थापना दिवस पर गुरुवार को यहां कहा कि देश में दलहन और तिलहन फसलों की पैदावार बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने देश के कृषि वैज्ञानिकों से दलहन और तिलहन फसलों की ऐसी किस्में ईजाद करने की अपील की, जिससे दाल व तेल के आयात पर निर्भरता समाप्त हो और खाद्यान्नों की तरह इन दोनों में भी भारत आत्मनिर्भर बन सके।

तोमर ने कहा, दलहन उत्पाादन में हम आत्मनिर्भरता के निकट पहुंचे हैं और विश्वास है कि तिलहन के मामले में भी हम ऐसी ही कामयाबी हासिल करेंगे और खाद्य तेलों के आयात पर होने वाले खर्च में कमी ला पाएंगे।

देश को खाद्यान्नों के मामले में आत्मनिर्भर बनाने में देश के किसानों के साथ-साथ आईसीआर और इससे जुड़े संस्थानों के वैज्ञानिकों के योगदान का उल्लेख करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि स्थापना दिवस पर आईसीएआर परिवार इस दसवें दशक में संकल्प करे कि शताब्दी वर्ष आने तक रोडमैप बनाकर पूसा संस्थान को राष्ट्रीय संस्थान से बढ़कर अंतर्राष्ट्रीय संस्थान बना देंगे।

उनहोंने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि आप सब इसमें निश्चित ही सफल होंगे।

तोमर ने कहा कि आईसीएआर के वैज्ञानिकों के प्रयासों से संस्था 90 साल से अधिक समय से देश को कृषि के क्षेत्र में आगे ले जाने में उलेखनीय योगदान दे रही है।

उन्होंने कहा, हमारे वैज्ञानिकों ने नए-नए अनुसंधान किए, उन अनुसंधानों को किसानों के पास गांवों में पहुंचाने का सफलतम प्रयत्न किया, किसानों ने भी यह जानते हुए भी कठिन परिश्रम किया कि यह घाटे का काम है। नई सारी पद्धतियों का क्रियान्वयन खेत में हो, इस मामले में किसानों का योगदान अविस्मरणीय है। वैज्ञानिकों का अनुसंधान व किसानों का परिश्रम, इसी का परिणाम है कि आज भारत खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर ही नहीं, अधिशेष राष्ट्र है।

तोमर ने कहा, कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान भी भारत में कृषि क्षेत्र में सारा काम चल रहा था जिसके लिए किसान बधाई के पात्र हंै, जिन्होंने विकल्प खोजें व पैदावार को क्षति नहीं होने दी। भारत सरकार ने भी ध्यान दिया, जिसके कारण उनके लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध रहे और बंपर पैदावार हुई, समर्थन मूल्य पर खरीद का भी रिकार्ड बना। इसी का परिणाम है कि कोरोनावायरस संकट के दौर में आठ महीने तक देश के लगभग 81 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराने का ऐतिहासिक काम सरकार कर पा रही है।

समारोह में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने कहा कि आईसीएआर ने फसलों की अनूठी किस्में विकसित कर भारत का नाम रोशन किया है। भारत को सभी क्षेत्रों में अग्रणी करने में आईसीएआर को और योगदान देना चाहिए।

कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य प्राप्त करने की दिशा में सतत काम करने की जरूरत है।

इस अवसर पर आठ नए उत्पादों का लोकार्पण और 10 प्रकाशनों का विमोचन किया गया। आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र ने परिषद की उपलब्धियां और आगामी योजनाएं बताईं। आईसीएआर की स्थापना 16 जुलाई, 1929 को हुई थी। देशभर के 102 संस्थान व राज्यों के 71 कृषि विश्वविद्यालय इससे जुड़े हुए हैं।

-- आईएएनएस

Created On :   16 July 2020 10:00 PM IST

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