5000 नए LPG गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स नियुक्त करेगी तेल कंपनियां

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार की उज्जवला योजना के बाद से ग्राहकों की बढ़ती संख्या के बाद घरेलू गैस (LPG) की मांग काफी बढ़ गई है। उपभोक्ताओं की इस बढ़ती संख्या की जरूरत पूरा करने के लिए तेल कंपनियां 5000 LPG गैस डिस्ट्रीब्यूटर्स नियुक्त करेंगी। कंपनियों की योजना इस आंकड़े को 2019 तक हासिल करने की है। तेल मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सरकार ने सभी तेल कंपनियों को 5000 नए LPG वितरक नियुक्त करने के लिए कहा है। तेल कंपनियों को यह काम 2019 तक निपटाना है। इस बार कंपनियां ग्रामीण क्षेत्र में अधिक संख्या में वितरण प्रकिया को आगे बढ़ाएगी। बता दें कि 1 अप्रैल 2015 से 30 सितंबर 2017 तक घरेलू गैस उपभोक्ताओं की संख्या 44 फीसदी बढ़ी है। इस समय ये संख्या 21.4 करोड़ के पार है और जिस हिसाब से ग्राहक बढ़े हैं उसके मुताबिक वितरक नहीं बढ़ पाए हैं।
उपभोक्ताओं के मुकाबले इस दौरान LPG गैस वितरक की संख्या केवल 19200 है। अब गैस वितरक की संख्या बढ़ाने के लिए सरकार अपनी तरफ से पहले ही 2000 लाइसेंस जारी कर चुकी है। मार्च 2018 तक 3400 आवेदकों का चयन किया जाना है। 600 आवेदकों का चयन सरकार ने लॉटरी के जरिए किया है। तेल कंपनी से लाइसेंस मिलने के बाद एक कुकिंग गैस डिस्ट्रीब्यूशन एजेंसी को चालू करने में सामान्य तौर पर एक साल का समय लग जाता है। इसमें तमाम स्थानीय नियामकीय मंजूरियां लेने के साथ ही साथ ऑफिस और गोदाम निर्माण भी शामिल है। नए डिस्ट्रीब्यूटर्स विशेषकर उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और महाराष्ट्र में बनाए जाएंगे, क्योंकि इन्हीं राज्यों में उपभोक्ताओं की संख्या सबसे ज्यादा बढ़ी है।
गैस डीलर बनाने की प्रक्रिया
LPG डीलरशिप हासिल करने की बेहद कड़े नियम और शर्तें हैं। ऐसे में जरूरी है कि इस साल जब गैस कंपनियां डीलरशिप के लिए आवेदन आमंत्रित करें तो आपके पास तैयारी पूरी होनी चाहिए। डीलरशिप हासिल करने के लिए सभी नियम, शर्तों और प्रक्रिया के बारे में जानकारी हासिल करलें। ये जानकारी पिछली आवेदन प्रक्रिया पर आधारित है, नए एप्लीकेशन में इसमें कुछ बदलाव हो सकते हैं। तीन सरकारी कंपनियां इंडेन, भारत गैस और एचपी गैस समय-समय पर नए डीलर बनाने के लिए आवेदन आमंत्रित करती हैं। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में गैस वितरण नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए केंद्र सरकार की राजीव गांधी ग्रामीण एलपीजी वितरक योजना (RGGLV) के तहत भी आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। इसमें गैस कंपनियां एजेंसी और गोदाम की जमीन के लिए कंपनियां वार्ड, मुहल्ला या निश्चित स्थान विज्ञापन या नोटिफिकेशन में बताती हैं। एप्लीकेशन भेजने के बाद एक निर्धारित तिथि पर कैंडिडेट का इंटरव्यू किया जाता है। इसमें विभिन्न आधार पर नंबर दिए जाते हैं। इन्हीं नंबरों के विभिन्न पैरामीटर्स आधार पर कैंडिडेट का इवैल्युएशन किया जाता है। इसका रिजल्ट नोटिस बोर्ड पर सभी पैरामीटर्स पर मार्क्स के आधार पर किया जाता है।
Created On :   5 Dec 2017 11:39 AM IST