किसानों के हित में लिए गए फैसले पर विपक्ष कर रहा राजनीति : कैलाश चौधरी (आईएएनएस साक्षात्कार)

Opposition politics over decisions taken in the interest of farmers: Kailash Chaudhary (IANS interview)
किसानों के हित में लिए गए फैसले पर विपक्ष कर रहा राजनीति : कैलाश चौधरी (आईएएनएस साक्षात्कार)
किसानों के हित में लिए गए फैसले पर विपक्ष कर रहा राजनीति : कैलाश चौधरी (आईएएनएस साक्षात्कार)
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नई दिल्ली, 17 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि मोदी सरकार का हर फैसला किसानों के हित में है, लेकिन विपक्ष कृषि से जुड़े विधेयकों को लेकर किसानों और व्यापारियों को गुमराह कर रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए वो किसानों के हक में लिए गए फैसले को मुद्दा बनाकर राजनीति कर रहा है।

कृषि से जुड़े तीन अहम विधेयक लोकसभा में चालू मानसून सत्र के पहले ही दिन 14 सितंबर को पेश किए गए जिनमें से आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 को लोकसभा ने मंगलवार को मंजूरी दे दी। अब कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 और मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा विधेयक, 2020 पर लोकसभा की मुहर लगने का इंतजार है।

सड़क से लेकर संसद तक तीनों विधेयकों का विरोध हो रहा है, लेकिन कृषि राज्यमंत्री कहते हैं कि किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य इन विधेयकों में निहित है। आईएएनएस से खास बातचीत में कैलाश चौधरी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में सुधार से किसानों की आय दोगुनी होगी और उनके जीवन में खुशहाली आएगी।

केंद्र सरकार ने 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है।

चौधरी ने कहा, ये ऐतिहासिक विधेयक हैं और इनमें किसानों को उनकी उपज बेचने की आजादी दी गई। पहले किसान अपने उत्पाद बेचने के लिए आढ़ती और बिचैलिए पर निर्भर थे, लेकिन अब वे देश में कहीं भी और किसी को भी अपने उत्पाद बेच सकते हैं। कानून में बदलाव से किसान अपने उत्पाद का दाम खुद तय कर पाएंगे। उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि माचिस बनाने वाले भी अपने उत्पाद के दाम खुद तय करते हैं और उनको देश के किसी भी कोने में अपने उत्पाद बनाने बेचने की आजादी होती है तो फिर आजादी के 70 साल बाद भी किसानों पर प्रतिबंध क्यों।

उन्होंने कहा कि किसान तय आढ़ती और एपीएमसी मंडी के भीतर ही अपने उत्पाद बेचने को मजबूर थे जहां आढ़ती व मंडी के कारोबारी ही उनकी फसल के रेट तय करते थे, लेकिन अब उनके पास ऐसी मजबूरी नहीं होगी।

विपक्ष ने इन विधेयकों के माध्यम से कृषि से जुड़े कानूनी बदलाव को कॉरपारेटे व पूंजीपतियों को फायदा दिलाने की दिशा में उठाए गया कदम करार दिया है। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर कृषि राज्यमंत्री ने कहा, विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है इसलिए इसे मुद्दा बनाकर राजनीति करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि जो ट्रेडर इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं कि वे सभी कांग्रेस के कार्यकर्ता ही हैं। उन्होंने कहा कि कानून में बदलाव से किसान, व्यापारी और उपभोक्ता सबको फायदा होगा।

कैलाश चौधरी ने कहा, मोदी जी कभी किसानों के विरुद्ध या किसानों के अहित में कोई फैसला नहीं ले सकते। उन्होंने अब तक जो भी निर्णय लिया है वह सब देश हित में, गरीबों के हित में, किसानों के हित में और युवाओं के हित में लिया है और यह निर्णय भी किसानों के हित में है।

संसद की मंजूरी मिलने के बाद ये तीनों विधेयक कोरोना काल में लाए गए तीन महत्वपूर्ण अध्यादेश की जगह लेंगे। केंद्र सरकार ने पांच जून 2020 को आवश्यक वस्तु (संशोधन) अध्यादेश, 2020, कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 और मूल्य आश्वासन पर किसान (बंदोबस्ती और सुरक्षा) समझौता और कृषि सेवा अध्यादेश, 2020 की अधिसूचना जारी की थी।

पीएमजे-एसकेपी

Created On :   17 Sept 2020 4:01 PM IST

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