50 हजार की खरीद पर PAN कार्ड की बात अब पुरानी, पढ़िए ये खबर

PAN not needed to buy gold and jewellery over rupees 50 thousand
50 हजार की खरीद पर PAN कार्ड की बात अब पुरानी, पढ़िए ये खबर
50 हजार की खरीद पर PAN कार्ड की बात अब पुरानी, पढ़िए ये खबर

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। अब 2 लाख रुपए की ज्वैलरी खरीदने पर आपको PAN कार्ड नही देना होगा। शुक्रवार को GST काउंसिल की बैठक में सरकार ने ये फैसला लिया है। GST लागू होने के बाद से ये लिमिट 50 हजार रुपए थी। फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली की अध्यक्षता में GST काउंसिल की 22वीं बैठक में केंद्र सरकार की तरफ से कई बड़े फैसले लिए गए, जिससे व्यापारियों और कारोबारियों को थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद है। GST काउंसिल ने शुक्रवार को बड़ा फैसला लेते हुए ज्वैलरी खरीदारों को बड़ी राहत दी है। इसके बाद से अब 2 लाख रुपए तक की ज्वैलरी खरीदने पर PAN कार्ड जरूरी नहीं होगा। 

क्या है ये फैसला?

शुक्रवार को GST काउंसिल की 22वीं बैठक में फैसला लिया गया कि, अब से 2 लाख रुपए तक की ज्वैलरी खरीदने पर PAN कार्ड जरूरी नहीं होगा। इससे पहले तक 50,000 रुपए से ज्यादा की ज्वैलरी या सोना खरीदने पर PAN कार्ड जरूरी था। इसका मतलब अगर अब कोई 2 लाख रुपए तक की ज्वैलरी खरीदता है, तो उसे PAN कार्ड देना जरूरी नहीं होगा, जबकि पहले 50,000 से ज्यादा की ज्वैलरी पर PAN कार्ड जरूरी होता था। सरकार ने ये फैसला उस वक्त लिया है, जब दीवाली का त्यौहार आने वाला है। इस फैसले से आम लोगों के साथ-साथ कारोबारियों को भी फायदा होने की उम्मीद है। 

क्या होगा इससे फायदा? 

शुक्रवार को लिए गए इस फैसले से सरकार ने आम लोगों के साथ-साथ कारोबारी और व्यापारियों को भी फायदा पहुंचाया है। सरकार के इस फैसले से उन लोगों को राहत मिली है, जो ज्वैलरी खरीदते रहते हैं। इसके साथ ही ज्वैलर्स और गोल्ड का बिजनेस करने वाले कारोबारियों को भी फायदा होने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि सरकार के इस फैसले के बाद गोल्ड की बिक्री में इजाफा होगा। वहीं कारोबारियों का मानना है कि PAN की अनिवार्यता को खत्म कर देने से लोग गोल्ड खरीदेंगे। सरकार के ये फैसला कस्टमर्स और कारोबारियों के लिए राहत भरा है। 

सर्राफा कारोबारियों को रहता था डर

इससे पहले PAN की अनिवार्यता के वजह से सर्राफा कारोबारियों के मन में एक डर बना रहता था, लेकिन सर्राफा बाजार के लिए KYC मुहैया कराने की शर्त को सरकार ने अब खत्म कर दिया है। इससे पहले तक कस्टमर्स को KYC मुहैया करवानी पड़ती थी। जिसके तहत कस्टमर्स को एक फॉर्म भरकर अपनी जानकारी देनी पड़ती थी। कारोबारियों की दलील थी कि, कई ग्राहक अपनी जानकारी नहीं देना चाहते जिस कारण बिजनेस करने में दिक्कतें आ रही हैं। इसके अलावा कारोबारियों को भी इस बात का डर था कि सरकार 3 या 4 साल बाद उनसे ग्राहकों की जानकारी मांग भी सकती है। 

पहले मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में था सर्राफा बाजार

8 नवंबर को नोटबंदी के बाद से सर्राफा बाजार को मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में शामिल कर लिया गया था, लेकिन अब उसे इससे बाहर कर दिया गया है। मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट से बाहर होने से सरकार सर्राफा कारोबारियों से किसी तरह की जानकारी नहीं मांग सकती। सरकार ने सर्राफा बाजार को इस एक्ट में इसलिए शामिल किया, क्योंकि उसका मानना था कि बहुत से लोग गोल्ड में अपनी ब्लैक मनी को खपा रहे हैं। इसके बाद सरकार ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत सर्राफा बाजार के लिए KYC को अनिवार्य कर दिया था।

 

Created On :   7 Oct 2017 9:25 AM IST

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