अब और भी सस्ती हो जाएंगी कॉल रेट्स, IUC में 60% तक की कटौती

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। इंटरकनेक्शन यूजेस चार्ज (IUC) को लेकर चल विवाद पर मंगलवार को टेलिकॉम रेग्युलेटर ट्राई (TRAI) ने एक बड़ा फैसला लिया है। TRAI ने विवाद को सुलझाते हुए IUC में 60% तक की कटौती कर दी है। इस फैसले के बाद अब मोबाइल पर बात करना पहले से सस्ता हो सकता है। नया रेट 1 अक्टूबर से लागू होगा। इस फैसले के बाद टेलिकॉम कंपनियों को नुकसान संभव है। ऐसे में कुछ कंपनियां अपने कस्टमर्स पर टैरिफ रेट बढ़ाकर बोझ भी डाल सकती हैं।
IUC में 60% तक की कटौती के बाद अब मोबाइल टर्मिनेशन चार्ज 14 पैसे प्रति मिनट ( per minute) से घटाकर 6 पैसे प्रति मिनट कर दिया गया है। इस लिहाज से 8 पैसे की कटौती है। यही नहीं, ट्राई की ओर से कहा गया कि कॉल टर्मिनेशन चार्ज 1 जनवरी 2020 से खत्म कर दिया जाएगा। फैसले के साथ ही TRAI ने बताया है कि स्टेक होल्डर्स से मिले बयानों और ओपन हाउस डिस्कशन के बाद यह फैसला लिया गया है।
आप लोगों के मन में शायद यह भी सवाल होगा कि आखिर ये IUC है क्या? हम आपको बता दें कि IUC वह फीस होती है, जिसे टेलीकॉम कंपनियां उस दूसरी कंपनी को देती है, जिसके नेटवर्क पर कॉल खत्म होती है। यह चार्ज फिलहाल 14 पैसे प्रति मिनट है यानी मौजूदा टेलीकॉम कंपनियों की एवरेज कॉल कॉस्ट का तकरीबन आधा। जियो चाहती थी कि इस चार्ज को खत्म कर दिया जाए।
सेल्युलर ऑपरेटर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) के डायरेक्टर जनरल राजन मैथ्यूज ने ट्राई के इस फैसले को "विनाशकारी" बताया है। वहीं ट्राई के पूर्व चेयरमैन राहुल खुल्लर ने भी मैथ्यूज की बातों का समर्थन किया है। एसोसिएशन में शामिल एयरटेल और वोडाफोन के COAI मेंबर्स ने कहा है कि वो ट्राई के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट भी जा सकते हैं। अधिकतर मेंबर्स इस फैसले के खिलाफ कोर्ट जाने के पक्ष में हैं।
Created On :   19 Sept 2017 10:46 PM IST