कोरोना काल में पीएम-किसान ने दिलाई राहत, सीधे लाभार्थियों के खाते में पहुंचा पैसा

नई दिल्ली, 9 अगस्त (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के साढ़े आठ करोड़ से अधिक किसान परिवारों के खाते में पीएम-किसान सम्मान निधि की छठी किस्त के तौर पर 17,100 करोड़ रुपये रविवार को हस्तांतरित किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि संतोष इस बात का है कि इस योजना का जो लक्ष्य था, वह लक्ष्य हासिल हो रहा है। किसान और किसान नेता बताते हैं कि कोरोना काल में इस योजना से किसानों को बड़ी राहत मिली।
मोदी सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य किसानों को खेती-किसानी के काम में मदद के लिए बिना किसी लीकेज या बिचौलिए के आर्थिक मदद पहुंचाना था। इसलिए, केंद्र सरकार ने इस योजना की रकम सीधे किसानों के खाते में हस्तांतरित करने की युक्ति तैयार की, जो कामयाब साबित हुई है और लाभार्थी किसानों को योजना का पूरा-पूरा पैसा मिल रहा है।
प्रधानमंत्री ने अपने अपने संबोधन में कहा, इसमें कोई बिचालिया नहीं है।
पीएम-किसान के तहत खरीफ, रबी और जायद हर सीजन में प्रत्येक लाभार्थी किसान परिवार को 2000 रुपये आर्थिक मदद मिलती है।
भारतीय किसान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेंद्र यादव ने आईएएनएस से कहा, इसमें कोई दो राय नहीं कि किसानों के लिए केंद्र सरकार की ओर से संचालित किसी भी भी योजना की तुलना में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) से किसानों को अधिक फायदा हुआ है। किसानों को इसमें रजिस्ट्रेशन के लिए जमीन की रसीद, बैंक खाते आदि कागजात की जो जरूरत होती है जिसके लिए कुछ खर्च करना पड़े तो यह संभव है, लेकिन जब पैसा उनके खाते में आने लगता है तो फिर बिचौलिए के लिए कोई गुंजाइश नहीं बचती है।
यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना या अन्य कोई भी योजना सबमें बिचौलिए के लिए लाभार्थियों के पैसों के बंदरबांट की गुंजाइश रह जाती है क्योंकि वे उससे किसी न किसी तरह से जुड़े होते हैं और इस तरह की शिकायतें भी आती हैं, लेकिन पीएम-किसान सम्मान निधि में ऐसा नहीं होता है।
बिहार के मधेपुरा जिला के सुशिक्षित किसान प्रणव कुमार भ्रमर ने कहा कि भारत में छोटी जोत वाले किसानों की आबादी ज्यादा है जिनके लिए छोटी राशि की मौद्रिक मदद भी काफी मायने रखती है। पीएम-किसान के तहत प्रत्येक लाभार्थी किसान परिवार को तीन समान किस्तों में पूरे साल में 6,000 रुपये मिलता है। प्रणव कहते हैं कि फसल की कटाई के बाद उसे मंडी ले जाने के लिए किराए की बात हो या फसल लगाते समय बीज या उर्वरक की खरीद किसानों के लिए यह छोटी सी रकम भी उनके लिए बड़ी मदद साबित हो जाती है।
उन्होंने भी बताया कि पीएम-किसान सम्मान निधि का पूरा-पूरा पैसा किसानों को मिलता है और इसमें किसी प्रकार का लीकेज नहीं है। प्रणव ने कहा कि सीधा लाभ हस्तांतरण यानी डीबीटी होने से इसमें बिचौलिए को कुछ नहीं मिल पाता है।
पीएम-किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा 2019-20 के अंतरित बजट में तत्कालीन वित्तमंत्री पीयूष गोयल ने की थी, हालांकि योजना को एक दिसंबर 2018 से ही प्रभावी किया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 फरवरी 2019 को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान पीएम-किसान के एक करोड़ से अधिक लाभार्थियों में से प्रत्येक को योजना की पहली किस्त के तौर पर 2000 रुपये उनके बैंक खाते में हस्तांतरित कर योजना का विधिवत शुभारंभ किया था।
आरंभ में इस योजना के तहत सिर्फ दो हेक्टेयर कृषि योग्य जमीन वाले किसान परिवार ही पात्र थे, लेकिन मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमडल की पहली बैठक में ही दो हेक्टेयर जमीन की शर्त को हटाकर इसमें सभी किसानों को शामिल कर लिया गया।
किसान बताते हैं कि कोरोना महामारी के संकट काल में इस योजना के तहत मिली आर्थिक मदद से उन्हें काफी राहत मिली है।
केंद्रीय कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशव्यापी लॉकडाउन के दौरान इस योजना के तहत 22 हजार करोड़ रुपये किसानों के खाते में हस्तांरित किए गए।
पीएमजे
Created On :   9 Aug 2020 10:00 PM IST