आरबीआई ने एसएलएफ-एमएफ योजना के तहत सभी बैंकों को नियामकीय लाभ दिए
मुंबई, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एसएलएफ-एमएफ योजना के तहत घोषित नियामकीय लाभों को गुरुवार को सभी बैंकों को देने की घोषणा की, चाहें वे बैंक केंद्रीय बैंक से फंडिंग लेते हैं या अपने खुद के संसाधन लगाते हैं।
आरबीआई ने म्यूचुअल फंड खंड में तरलता बढ़ाने के लिए म्यूचुअल फंड के लिए सोमवार को 50,000 करोड़ रुपये मूल्य की विशेष तरलता सुविधा की घोषणा की थी।
इस योजना पर निर्णय तब लिया गया, जब फ्रैंकलिन टेंपलटन म्यूचुअल फंड ने क्रेडिट की समस्या के कारण अपने छह फंड बंद कर दिए।
अब यह तय किया गया है कि वे सभी बैंक जो अपनी एमएफ की तरलता जरूरतें ऋण देकर पूरा कर रहे हैं, और निवेश स्तर के बराबर बांड, कॉमर्शियल पेपर, डिबेंचर और एमएफ द्वारा रखे गए जमा प्रमाणपत्र के बदले रेपो की खरीदारी कर रहे हैं, वे सभी एसएलएफ-एमएफ योजना के तहत उपलब्ध सभी नियामकीय लाभों के लिए दावा कर सकते हैं।
आरबीआई ने एक बयान में कहा है कि नियामकीय लाभ का दावा करने वाले बैंकों को सिर्फ एक साप्ताहिक स्टेटमेंट सौंपने की आवश्यकता होगी, जिसमें निकाय वार और इंस्ट्रमेंट वार दिए गए ऋण, एडवांस या किए गए निवेश के बारे में जानकारी होनी चाहिए।
आरबीआई ने 27 अप्रैल को म्यूचुअल फंड्स पर तरलता के दबाव को कम करने के लिए विशेष तरलता सुविधा की घोषणा की थी। यह तनाव कुछ डेब्ट एमएफ के बंद होने से संबंधित रिडेंपशन प्रेसर और संभावित संक्रामक प्रभाव के कारण बढ़ गया था।
Created On :   30 April 2020 6:30 PM IST