बकाया पर 4 साल की मोहलत, एजीआर परिभाषा में बदलाव
- ऑपरेटरों को एमसीएलआर प्लस 2 प्रतिशत का ब्याज
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को तनावग्रस्त दूरसंचार क्षेत्र के लिए बहुप्रतीक्षित राहत और सुधार उपायों को मंजूरी दे दी। कई फैसलों के बीच, कैबिनेट ने समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) सहित दूरसंचार ऑपरेटरों द्वारा सभी बकाया राशि पर चार साल की मोहलत को मंजूरी दे दी है, हालांकि, अधिस्थगन का लाभ उठाने वाले ऑपरेटरों को एमसीएलआर प्लस 2 प्रतिशत का ब्याज देना होगा।
इसने एजीआर की परिभाषा में बदलाव को भी मंजूरी दे दी है और अब गैर-दूरसंचार राजस्व की गणना संभावित रूप से एजीआर के तहत नहीं की जाएगी।
कैबिनेट ने एक और बड़े कदम के तहत टेलीकॉम में ऑटोमेटिक रूट से 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी है। इसके अलावा, स्पेक्ट्रम उपयोगकर्ता शुल्क को युक्तिसंगत बनाया जाएगा और अब मासिक के बजाय दरों की वार्षिक चक्रवृद्धि के तौर पर गणना होगी। स्पेक्ट्रम को अब सरेंडर किया जा सकता है और दूरसंचार कंपनियों द्वारा साझा भी किया जा सकता है। सरकार ने दूरसंचार कंपनियों की इस महत्वपूर्ण आवश्यकता के बारे में अधिक निश्चितता देने के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी का कैलेंडर बनाने का भी निर्णय लिया है। आमतौर पर नीलामी किसी वित्तीय वर्ष की अंतिम तिमाही में की जा सकती है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को टेलीकॉम सेक्टर में कई ढांचागत और प्रक्रिया सुधारों को मंजूरी दी है। इन सुधारों से रोजगार को बचाने और नए रोजगार पैदा करने के अवसर मिलेंगे। इन सुधारों से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा जिससे उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा होगी। टेलीकॉम कंपनियों को पूंजी की तरलता बढ़ाने और नियमों के पालन के बोझ कोकम करने में मदद मिलेगी। इन सुधारों से टेलीकॉम सेक्टरमें निवेश को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
आईएएनएस
Created On :   15 Sep 2021 2:00 PM GMT