रुपया 19 महीने के निचले स्तर पर, कांग्रेस बोली - क्या हुआ मोदी जी का वादा ?

Rupee at the lower level of 19 months
रुपया 19 महीने के निचले स्तर पर, कांग्रेस बोली - क्या हुआ मोदी जी का वादा ?
रुपया 19 महीने के निचले स्तर पर, कांग्रेस बोली - क्या हुआ मोदी जी का वादा ?
हाईलाइट
  • डॉलर के मुकाबले रुपया गिर कर 19 महीने में निचले स्तर पर पहुंच गया है।
  • ये डॉलर के मुकाबले रुपए की 29 नवंबर 2016 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है।
  • रुपया 28 पैसे की भारी कमजोरी के साथ 68.89 के स्तर पर खुला है।

 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली । डॉलर के मुकाबले रुपया गिर कर 19 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गया है। गुरुवार को कारोबार की शुरूआत में रुपया 28 पैसे की भारी कमजोरी के साथ 68.89 के स्तर पर खुला है। हालांकि बाद में रुपए की स्थिति में मामूली सुधार हुआ और फिलहाल ये 68.82 के स्तर पर है। आपको बता दें ये डॉलर के मुकाबले रुपए की 29 नवंबर 2016 के बाद की सबसे बड़ी गिरावट है। आर्थिक जानकारों के मुताबिक, आयातकों (इम्पोर्टर्स) और बैंकों के जरिए डॉलर की अधिक मांग की वजह से रुपया फिसला है। 

 

पिछले 4 दिनों में ऐसे गिरा रूपया

मंगलवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 11 पैसे कमजोर होकर 68.24 के स्तर पर बंद हुआ था। सोमवार को रुपया 29 पैसे गिरकर 68.13 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. फॉरेक्स मार्केट से जुड़े कारोबारियों ने कहा कि अन्य प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर में मजबूती से रुपए पर दबाव रहा। हालांकि घरेलू शेयर बाजार की शुरुआती बढ़त ने गिरावट को थामने का प्रयास किया। इस बीच , बंबई शेयर बाजार का सेंसेक्स इंडेक्स आज शुरुआती कारोबार में 53.85 अंक यानी 0.15 प्रतिशत बढ़ाकर 35,543.89 अंक पर पहुंच गया।

 

रुपए में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट

रुपया कल 19 महीने के निचले स्तर पर चला गया था। रुपया कल 36 पैसे की भारी गिरावट के साथ 68.61 के स्तर पर बंद हुआ था। डॉलर में बढ़त से रुपए पर दबाव बना है। ये रुपए में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट है। 

 

क्या होगा कमजोर रूपया का असर 

रुपए की गिरावट से महंगाई का बढ़ना तय माना जाता है। दरअसल, इंपोर्ट होने वाला सामान डॉलर वैल्यू पर खरीदा जाता है। ऐसे में अगर रुपया कमजोर होता है तो इंपोर्ट पर खर्च बढ़ जाता है। खास तौर पर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में भी बढ़ोतरी होती है। रुपए के कमजोर होने से कार, कंप्यूटर, स्मार्टफोन जैसी वो तमाम चीजें महंगी होती है जो आयातित (इम्पोर्टेड) उपकरणों से बनते हैं।

भारत अपने उपयोग का 80 फीसदी से ज्यादा कच्चा तेल आयात करता है। अब हमें तेल के आयात पर ज्यादा रुपए देने होंगे। इस कारण भारत का चालू खाता घाटा बढ़ जाएगा। जिससे पेट्रोल और डीजल के भाव भी बढ़ेंगे। जिसका असर सीधे महंगाई पर पड़ेगा। वहीं विदेश में पढ़ने वाले छात्रों को दिक्कत होगी। उनके घर वालों को अब ज्यादा पैसा भेजना होगा। 

डॉलर के महंगा होने और रुपए के गिरने से घरेलू शेयर बाजार में गिरावट देखी जा सकती है, क्योंकि विदेशी निवेशक भारत से पैसा निकालकर अमेरिका जैसे देशों में डाल सकते हैं जहां उन्हें डॉलर में ज्यादा कमाई मिलने वाली है।
 

 

सिब्बल ने कसा सरकार पर तंज

UPA सरकार में कानून और न्याय मंत्री रहे कपिल सिब्बल ने रुपए के गिरते ही है ट्वीट किया। दरसअसल उन्होंने पीएम मोदी के उस वादे पर सवाल किया, जब 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी सत्ता में आते ही रुपए को मजबूती देने और डॉलर को पछाड़ने की बाते किया करती थी। 

 

 

 

 

 

 

 

Created On :   28 Jun 2018 11:13 AM IST

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