महंगाई की चिंता के दबाव में रहेगा रुपया
- वित्तीय घाटे और व्यापार संतुलन के आंकड़े भी जारी होने हैं
- जो रुपये को प्रभावित करेंगे
डिजिटल डेस्क, मुम्बई। कमोडिटी के बढ़ते दाम को लेकर महंगाई बढ़ने की आशंका से आगामी सप्ताह रुपये पर दबाव बना रहेगा। इसके अलावा कच्चे तेल की कीमतों में आयी तेजी और अन्य कच्चे माल के दाम में उछाल से भी महंगाई बढ़ने की संभावना है। विश्लेषकों की राय में अगर यही स्थिति आगे भी बनी रहेगी तो विकास की संभावनायें तो कम होंगी ही साथ ही ब्याज दर में बढ़ोतरी करने का दबाव भी बढ़ जायेगा।
हालांकि, डॉलर की बिकवाली से फिलहाल रुपये की गिरावट थमी हुई है। अगले सप्ताह डॉलर के मुकाबले रुपये के 76 रुपये से 76.50 रुपये प्रति डॉलर के बीच रहने की संभावना है।
एडलविज की फॉरेक्स एंड रेट्स प्रमुख सजल गुप्ता का कहना है कि कच्चे तेल में तेजी और अमेरिकी बांड यील्ड के बढ़ने के बीच यूक्रेन युद्ध ने भारतीय मुद्रा पर दबाव बनाया हुआ है। पूरी दुनिया में महंगाई बढ़ने की चिंता हावी हो गयी है और इसका कोई तत्काल समाधान भी नहीं दिख रहा है। इन्हीं के कारण रुपया अभी कमजोर बना रहेगा।
गत सप्ताह मजबूत डॉलर , कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और जोखिम भरे निवेश से निवेशकों के कतराने से रुपया आधा प्रतिशत टूट गया था।गत सप्ताह भारतीय मुद्रा 75.80 रुपये प्रति डॉलर से 76.50 रुपये प्रति डॉलर के बीच रहती हुई अंतत: 76.20 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुई थी।एचडीएफसी सिक्योरिटीज के उप शोध प्रमुख देवर्श वकील ने कहा कि रुपये पर सर्वाधिक असर कच्चे तेल की कीमतों और शेयर बाजार में निवेशकों के रुझान का रहता है।
उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक रुपये को मौजूदा स्तर के आसपास स्थिर रखने के लिये विदेशी मुद्रा भंडार का इस्तेमाल करना जारी रखेगा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के विश्लेषक गौरांग सौमैया ने कहा कि अगले सप्ताह निवेशकों को नजर कच्चे तेल की कीमतों पर बनी रहेगी और विदेशी संस्थागत निवेशकों के रुझान पर नजर रहेगी। अगले सप्ताह वित्तीय घाटे और व्यापार संतुलन के आंकड़े भी जारी होने हैं, जो रुपये को प्रभावित करेंगे।
आईएएनएस
Created On :   26 March 2022 1:31 PM IST