कपास, मक्का को छोड़ बाकी फसलों की बुवाई की रफ्तार सुस्त

Sowing of cotton, except maize, is sluggish
कपास, मक्का को छोड़ बाकी फसलों की बुवाई की रफ्तार सुस्त
कपास, मक्का को छोड़ बाकी फसलों की बुवाई की रफ्तार सुस्त
हाईलाइट
  • आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार
  • देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई अब तक 688.78 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है
  • जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले छह फीसदी कम है
  • खरीफ फसलों की चालू बुवाई सीजन में कपास और मक्का को छोड़ बाकी सभी प्रमुख फसलों की बुवाई की रफ्तार सुस्त चल रही है
नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। खरीफ फसलों की चालू बुवाई सीजन में कपास और मक्का को छोड़ बाकी सभी प्रमुख फसलों की बुवाई की रफ्तार सुस्त चल रही है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई अब तक 688.78 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले छह फीसदी कम है। हालांकि कपास और मक्के का रकबा पिछले साल से ज्यादा हो गया है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, देशभर में खरीफ फसलों की बुवाई का रकबा 688.78 लाख हेक्टेयर हो चुका है जबकि पिछले साल अब तक 736.18 लाख हेक्टेयर में खरीफ फसलों की बुवाई हो चुकी थी। मतलब बुवाई का कुल रकबा पिछले साल से 47.39 लाख हेक्टेयर कम है।

कपास की बुवाई इस साल 108.95 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल 102.52 लाख हेक्टेयर में हुई थी। इस प्रकार कपास का रकबा पिछले साल से 6.44 लाख हेक्टेयर अधिक हो चुका है। इसी प्रकार किसानों ने अब तक 63.84 लाख हेक्टेयर में मक्के की फसल लगाई है जबकि पिछले साल मक्के की बुवाई अब तक 62.48 लाख हेक्टेयर में हुई थी। इस प्रकार मक्के का रकबा 1.36 लाख हेक्टेयर बढ़ गया है।

कारोबारी बताते हैं कि मक्के का दाम इस बार ऊंचा होने के कारण शायद किसानों ने मक्के की खेती में दिलचस्पी दिखाई है।

हालांकि खरीफ सीजन की सबसे प्रमुख फसल धान का रकबा पिछले साल से 12.55 लाख हेक्टेयर कम है। देशभर के किसानों ने अब तक सिर्फ 185.14 लाख हेक्टेयर में धान की फसल लगाई है। खरीफ सीजन में देशभर में औसतन 396.25 लाख हेक्टेयर में धान की खेती होती है।

इसी प्रकार सभी दलहनों व तिहलनों और मोटे अनाजों की बुवाई का रकबा पिछले साल के मुकाबले कम है। दलहनों की बुवाई 82.92 लाख हेक्टेयर में हुई जोकि पिछले साल की समान अवधि के रकबे से 18.93 लाख हेक्टेयर कम है। तिलहनों की बुवाई 133.66 लाख हेक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल अब तक तिलहनों की बुवाई का रकबा 140.92 लाख हेक्टेयर हो चुका था। यहां तक कि गóो का रकबा भी पिछले साल से पिछड़ा हुआ है। किसानों ने अब तक गóो की फसल 52.30 लाख हेक्टेयर में लगाई है जबकि पिछले साल गóो का रकबा 55.45 लाख हेक्टेयर था।

खरीफ फसलों की बुवाई सुस्त होने के कारण देश में इस बार मानसून का एक सप्ताह की देरी से आना और बारिश का वितरण असमान रहना भी है।

मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, पिछले सप्ताह 18-24 जुलाई के दौरान देशभर में 43.3 मिलीमीटर बारिश हुई जबकि इस दौरान औसत बारिश 66.3 मिलीमीटर होती है। इस प्रकार बीते सप्ताह देश में 35 फीसदी कम बारिश हुई।

पिछले सप्ताह तक मानसून के प्रदर्शन पर नजर डालें तो एक जून से लेकर 24 जुलाई तक देशभर में 313.1 मिलीमीटर बारिश हुई है जबकि इस दौरान औसत बारिश 384.7 मिलीमीटर होती है। इस प्रकार मानसून सीजन में पिछले सप्ताह तक देशभर में औसत से 19 फीसदी कम बारिश हुई है।

--आईएएनएस

Created On :   27 July 2019 4:00 PM GMT

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