अमेरिका में जेटली, 'रियल एस्टेट को जल्द ही जीएसटी के तहत लाया जाएगा'

Structural changes have had transient impact but see growth resuming soon
अमेरिका में जेटली, 'रियल एस्टेट को जल्द ही जीएसटी के तहत लाया जाएगा'
अमेरिका में जेटली, 'रियल एस्टेट को जल्द ही जीएसटी के तहत लाया जाएगा'

डिजिटल डेस्क, न्यूयॉर्क। वित्त मंत्री अरुण जेटली अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठकों में शामिल होने के लिए एक सप्ताह की अमेरिका यात्रा पर हैं। अपनी यात्रा के दौरान जेटली ने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में एक धीमी गति का टैक्स सिस्टम है, जिसे सरकार बदलने का प्रयास कर रही है। हम टैक्स प्रणाली के बेस को बढ़ा रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट को जल्द ही जीएसटी के तहत लाया जाएगा। इससे लोगों को फायदा तो मिलेगा ही साथ ही टैक्स चोरी की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। इस पर मुद्दे पर 9 नवंबर को गुवाहाटी में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में चर्चा की जाएगी। 

"भारत में टैक्स डिपार्टमेंट भी काफी भ्रष्ट"

जेटली ने कहा कि देश के लोगों ने नोटबंदी को ठीक तरीके से नहीं समझा है। बैंक में पूरा पैसा आ जाने का मतलब ये नहीं है कि पूरा पैसा ठीक ही हो। भारत में टैक्स डिपार्टमेंट भी काफी भ्रष्ट है, इसलिए हम टैक्स को ऑनलाइन भरने की सुविधा को और आसान बना रहे हैं।

जेटली बोले कि भारत में सिर्फ 5.5 मिलियन लोगों ने ही जीएसटी के तहत टैक्स भरा है, उनमें से भी 40 फीसदी लोगों ने ज़ीरो टैक्स दिया है। भारत में सबसे कम पर्सनल इनकम का ग्राफ है। जेटली ने बताया कि देश में जो लग्ज़री सेग्मेंट है उनकी इनकम को अब उनके खर्च के आधार पर ट्रेस किया जा सकेगा। उन्होंने बताया कि नोटबंदी और जीएसटी का फायदा लंबे समय में देश के सामने आएगा। शॉर्ट समय में इसके कुछ चैलेंज देखने को मिल सकते हैं। राज्य सरकारों ने जीएसटी का समर्थन किया है, GST से 80 फीसदी तक की कमाई राज्य सरकार के खाते में ही जा रही है।

जेटली बोले कि नोटबंदी का मकसद नकदी जब्त करना नहीं था, बल्कि पैसे के मालिक की पहचान करना था। युवा भारत ने इस बात को स्वीकार कर लिया है, लेकिन पुराना भारत बिना कैश के नहीं चल पा रहा है।

Created On :   12 Oct 2017 7:11 AM GMT

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