अगर नहीं होगा आधार तब भी मिलती रहेंगी ये तीन सेवाएं : UIDAI
डिजिटल डेस्क, दिल्ली। आधार को लेकर सरकार के बदलते नियमों के बीच आम लोगों की समस्या बढ़ गई है। सरकार ने पिछले कुछ वक्त से हर जरूरी सेवा के लाभ के लिए आधार नंबर अनिवार्य कर दिया है, तब से ही जिन लोगों के पास आधार नहीं उनके कई काम रूक गए है या किसी कारण से आधार भूल जाने की वजह दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए अब भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ( UIDAI ) ने जरूरी तीन सेवाओं को आधार से मुक्त रखने आदेश दिया है।
दरअसल UIDAI का कहना है कि आधार संख्या नहीं होने पर भी आवश्यक सेवाओं का लाभ देने से मना नहीं किया जा सकता है। इसमें सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन मिलना, स्कूलों में एडमिशन और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने जैसी आवश्यक सेवाएं शामिल हैं। UIDAI ने साफ किया है कि आधार न होने पर आवश्यक सुविधाएं देने से इनकार नहीं किया जा सकता। UIDAI ने कहा कि आधार ऐक्ट में साफ है कि आधार नंबर न होने और बूढ़े होने के कारण बायोमेट्रिक्स न मिलने पर भी सुविधाएं नहीं रोकी जा सकतीं।
एक बयान जारी करते हुए UIDAI ने सरकारी विभागों, मंत्रालयों और राज्य सरकारों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि कोई भी जरूरी सर्विस या फायदा किसी असल हकदार से आधार के कारण न रोका जाए। संस्था ने कहा कि इस संबंध में UIDAI के जरिए 24 अक्टूबर 2017 को जारी उसके सर्रकुलर को गंभीरता से फॉलो किया जाना चाहिए और ये सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि आधार के अभाव में असली लाभार्थी को उसके लाभ से वंचित नहीं किया जाए। प्राधिकरण ने कहा कि वो सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को आधार एक्ट, 2016 के सेक्शन 7 को लागू करने के लिए पत्र भी भेज रहा है। सेक्शन 7 में प्रावधान है कि जरूरी सुविधाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।
UIDAI ने दिखाई गंभीरता
UIDAI ने कहा है कि उसने इस तरह की रिपोर्टों को गंभीरता से लिया है, जिनमें ये कहा गया है कि आधार कार्ड नहीं होने की वजह से अस्पताल में भर्ती होने और इलाज जैसी आवश्यक सेवाओं से वंचित रखा गया। आधार की अनिवार्यता ने हाल ही में तब तूल पकड़ा जब गुरुग्राम के एक सिविल अस्पताल में गर्भवती महिला को इमर्जेंसी वॉर्ड में नहीं एडमिट किया। कारण यह था कि महिला और उसके परिवारवाले आधार लाना भूल गए थे। महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया। अस्पताल में भर्ती ने करने वाले डॉक्टर और नर्स को बाद में सस्पेंड कर दिया गया।
UIDAI ने कहा, "हमने मीडिया में हाल के दिनों में रिपोर्ट हुए मामलों (जिनमें आधार न होने पर जरूरी सुविधाएं देने से इनकार किया गया) को गंभीरता से संज्ञान में लिया है। लोअर स्टाफ के जरिए आधार न होने पर अस्पताल में भर्ती न करने जैसे मामलों से लोगों को काफी परेशानी हुई है। ऐसे मामलों के पीछे असल कारणों का हम पता लगा रहे हैं। जहां भी ऐसी घटनाएं हुई हैं वहां दोषियों पर सख्त एक्शन लिया जाएगा।"
Created On :   11 Feb 2018 4:11 AM GMT