गेहूं की बुवाई जोर पकड़ी, दलहन-तिलहन फसलों का रकबा घटा

Wheat sowing caught hold, area under pulses and oilseeds crops decreased
गेहूं की बुवाई जोर पकड़ी, दलहन-तिलहन फसलों का रकबा घटा
गेहूं की बुवाई जोर पकड़ी, दलहन-तिलहन फसलों का रकबा घटा

नई दिल्ली, 1 दिसम्बर (आईएएनएस)। चालू रबी सीजन में गेहूं की बुवाई जोर पकड़ी है। पिछले साल के मुकाबले अब तक गेहूं के रकबे में तकरीबन सात फीसदी का इजाफा हुआ है। गेहूं के साथ-साथ ज्वार, बाजरा, रागी और जौ जैसे मोटे अनाजों की फसल लगाने में भी किसान दिलचस्पी ले रहे हैं, लेकिन दलहन व तिलहन फसलों की बुवाई में सुस्त चल रही है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय की ओर से पिछले सप्ताह जारी रबी फसलों की बुवाई के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में गेहूं की बुवाई 150.74 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जोकि पिछले साल की इस अवधि के रकबे से 9.49 लाख हेक्टेयर यानी 6.71 फीसदी अधिक है। वहीं, दलहन फसलों की बुवाई 89.23 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 9.92 लाख हेक्टेयर यानी 10 फीसदी कम है। तिलहन फसलों का रकबा 60.31 लाख हेक्टेयर हुआ है जोकि पिछले साल से 3.38 लाख हेक्टेयर कम है।

कृषि विशेषज्ञों व कारोबारियों का कहना है कि किसानों को जिन फसलों का अच्छा दाम मिलता है वो वही फसल लगाने में दिलचस्पी लेते हैं।

कृषि विशेषज्ञ एवं केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा कि सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर व्यापक पैमाने पर गेहूं की खरीद की जाती है जिससे किसानों को गेहूं का उचित भाव मिल जाता है, लेकिन दलहनों व तिलहनों की खरीद उस ढंग से नहीं होती है, इसलिए उनको इन फसलों का उचित भाव नहीं मिल पाता है।

कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देशभर में सभी रबी फसलों का रकबा बीते शुक्रवार तक 338.20 लाख हेक्टेयर था जोकि पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले महज 1.54 लाख हेक्टेयर कम है।

मोटे अनाजों वाली फसलों का रकबा पिछले साल से 1.47 लाख हेक्टेयर बढ़कर 29.75 लाख हेक्टेयर हो गया है, लेकिन रबी सीजन की प्रमुख दलहन फसल चने की बुवाई 61.59 लाख हेक्टेयर में हो पाई है जोकि पिछले साल से 6.81 लाख हेक्टेयर कम है। वहीं, मसूर का रकबा पिछले साल से 1.59 लाख हेक्टेयर घटकर 10.29 लाख हेक्टेयर रह गया है।

रबी सीजन की तिलहन फसलों में प्रमुख सरसों का रकबा पिछले साल से 3.18 लाख हेक्टेयर घटकर 55.40 लाख हेक्टेयर रह गया है।

Created On :   1 Dec 2019 9:30 PM IST

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