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बड़ी राहत: तीन महीनों तक आपको नहीं चुकानी होगी EMI, जानिए किन-किन को मिलेगा फायदा?

हाईलाइट
- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने दी कर्जदाताओं को बड़ी राहत
- तीन महीनों तक EMI के भुगतान की राहत
- सभी टर्म लोन लेने वाले लोगों को मिलेगा इसका फायदा
डिजिटल डेस्क, मुंबई। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कोरोनोवायरस के प्रकोप के आर्थिक प्रभाव का मुकाबला करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदमों की घोषणा की। RBI ने कर्जदाताओं को बड़ी राहत देते हुए, बैंकों को 1 मार्च, 2020 तक बकाया सभी टर्म लोन की किश्तों के भुगतान पर तीन महीने की मोहलत देने की अनुमति दी। इसका मतलब है कि तीन महीने तक लोन की किश्त नहीं चुका पाएंगे तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा। तीन महीने की अवधि के बाद आपकी ईएमआई दोबारा शुरू हो जाएंगी। आपका लोन टर्म भी तीन महीने बढ़ जाएगा। हालांकि क्रेडिट कार्ड से खरीदारी करने वालों को फिलहाल यह राहत नहीं मिली है।
किस-किस को मिलेगा इसका फायदा?
ऐसे व्यक्ति और कंपनियां जिन्होंने टर्म लोन लिया है - जैसे होम लोन, कार लोन, पर्सनल लोन, कॉर्पोरेट लोन - इस कदम से लाभ उठा सकते हैं। इसलिए लॉकडाउन के चलते आपकी इनकम पर होने वाले प्रभाव का असर आपके रिपेमेंट शेड्यूल पर अगले तीन महीनों तक नहीं पड़ेगा। इसमें क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, लोकल एरिया बैंक, सहकारी बैंक, ऑल-इंडिया फाइनेंशियल बैंक शामिल हैं। यहां तक कि हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों और माइक्रो फाइनेंस संस्थानों सहित गैर बैंकिंग वित्त कंपनियां भी इसमें शामिल है। RBI की घोषणा में सभी कैटेगरी में सभी रिटेल, नॉन-कॉर्पोरेट लोन शामिल हैं।
ग्राहकों को इससे किस तरह फायदा होगा?
RBI के इस कदम का सीधा मतलब है कि अगले तीन महीनों के दौरान किश्तों का भुगतान न करने पर ग्राहकों की क्रेडिट हिस्ट्री पर कोई असर नहीं पड़ेगा और उनके खातों को नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) के रूप में टैग नहीं किया जाएगा। तीन महीने की अवधि के बाद आपकी ईएमआई दोबारा शुरू हो जाएंगी और आपका लोन टर्म भी तीन महीनों के लिए बढ़ जाएगा। यह कदम इस मकसद से उठाया गया है कि लॉकडाउन की वजह से जिनके पास वाकई नकदी की कमी होती है तो उन्हें कर्ज के भुगतान में कुछ समय मिल जाए। हालांकि ग्राहक खुद चाहें तो भुगतान कर सकते हैं। उन्हें इस बारे में बैंक को जानकारी देनी होगी।
कंपनियों को कैसे होगा फायदा?
कॉर्पोरेट इंडिया के लिए भी, यह एक बड़ी राहत है, खासकर उन कंपनियों के लिए जिनके पास लो रिजर्व है। लॉक डाउन के चलते ज्यादातर कंपनियों का कारोबार पूरी तरह से ठप पड़ गया है। ऐसे हालतों में लोन की ईएमआई का भुगतान कर पाना इनके लिए संभव नहीं है। RBI के इस कदम से इन कंपनियों को तीन महीनों तक ईएमआई का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।
बैंकों का क्या होगा?
बैंकों और ऋण देने वाली संस्थाओं के लिए, यह कदम उनके कैश फ्लो को प्रभावित करेगा। इस परेशानी को देखते हुए RBI ने उनके कैश रिजर्व रेशो (CRR) रिक्वायरमेंट को कम कर दिया है। इससे उन्हें एडिशनल लिक्वीडिटी मिलेगी।
क्या होता है टर्म लोन?
टर्म लोन वैसे लोन को कहा जाता है, जिसकी अदायगी के लिए बैंक एक निश्चित राशि की किस्त बांध देता है। इसे ही आम भाषा में ईएमआई कहा जाता है। हालांकि क्रेडिट कार्ड टर्म लोन की कैटेगरी में नहीं आता है। हां, यदि किसी ने क्रेडिट कार्ड से बड़ी खरीदारी की हो और उसे ईएमआई में बदलवा लिया हो तो उस पर इसे लागू किया जा सकता है लेकिन इसके लिए भी संबंधित अथॉरिटी को एक क्लैरिफिकेशन जारी करना होगा।
लोन लेना हुआ सस्ता
RBI ने रेपो रेट में भी कटौती की है। रेपो रेट पहले 5.15% थी, अब 0.75% घटाकर 4.40% कर दी गई है। यह 15 साल में सबसे कम है। 0.75% की कटौती 11 साल में सबसे बड़ी है। वहीं रिवर्स रेपो रेट में 90 बेसिस पॉइंट की कटौती की गई है।
बता दें कि RBI जिस दर पर अन्य बैंकों को कर्ज देता है उसे रेपो रेट कहा जाता है। बैंक ग्राहकों को इसी दर से लोन देता हैं। अगर रेपो रेट में कटौती होती है तो इसका फायदा ग्राहकों को भी मिलता है। अगर रेपो रेट बढ़ जाए तो ग्राहकों को मिलने वाले लोन की ब्याज दर भी बढ़ जाती है। वहीं जिस रेट पर आरबीआई बैंकों को पैसा जमा करने पर ब्याज देता है उसे रिवर्स रेपो रेट कहा जाता है।
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