Digital Revolution: डिजिटल क्रांति से करोड़पति तक का रोमांचक सफर – जाने राहुल कुमार की कहानी

डिजिटल क्रांति से करोड़पति तक का रोमांचक सफर – जाने राहुल कुमार की कहानी
उनकी समझदारी और धैर्य ने उन्हें अच्छा रिटर्न दिलाया। उस मुनाफे को उन्होंने बेवजह खर्च करने के बजाय फिर से निवेश किया – कभी प्रॉपर्टी में, कभी अपने स्टार्टअप्स में।

जब कोई कहता है कि छोटे शहरों से बड़े सपने पूरे नहीं हो सकते, तो राहुल कुमार जैसे युवा उन धारणाओं को गलत साबित कर देते हैं। बिहार के मुज़फ्फरपुर जिले के एक सामान्य परिवार में जन्मे राहुल की कहानी इस बात की मिसाल है कि अगर लगन हो, तो संसाधनों की कमी भी रास्ता नहीं रोक सकती।

राहुल शुरू से पढ़ाई में अच्छे थे। उन्होंने B.Sc तक की पढ़ाई पूरी की, लेकिन आर्थिक परिस्थितियाँ बहुत अनुकूल नहीं थीं। परिवार की स्थिति को देखते हुए उन्होंने ट्यूशन पढ़ाकर खुद का खर्च निकालना शुरू किया। उसी दौरान उन्होंने इंटरनेट की ताकत को पहचाना। गाँव में बिजली और नेटवर्क की दिक्कतें थीं, लेकिन उन्होंने जुगाड़ से इंटरनेट एक्सेस किया और YouTube, ब्लॉग्स और फ्री ऑनलाइन टूल्स से डिजिटल मार्केटिंग, सोशल मीडिया मैनेजमेंट और ब्रांड प्रमोशन की स्किल्स सीखी।

सिर्फ डिजिटल स्किल्स ही नहीं, उन्होंने शेयर बाजार में भी दिलचस्पी लेनी शुरू की। शुरुआत में उन्हें यह क्षेत्र कठिन और जोखिम भरा लगा, लेकिन वे रुके नहीं। छोटे-छोटे निवेश किए, कंपनियों के प्रदर्शन पर रिसर्च की और SIP व स्टॉक्स में धीरे-धीरे निवेश करना शुरू किया।

उनकी समझदारी और धैर्य ने उन्हें अच्छा रिटर्न दिलाया। उस मुनाफे को उन्होंने बेवजह खर्च करने के बजाय फिर से निवेश किया – कभी प्रॉपर्टी में, कभी अपने स्टार्टअप्स में।

2017 में राहुल ने Digipro Media की शुरुआत की। एक पुराना लैपटॉप, धीमा इंटरनेट और सीखने का जज़्बा ही उनकी असली पूंजी थी। इस डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी ने ब्रांड प्रमोशन की दुनिया में धीरे-धीरे अपनी जगह बनाई। 2024 तक राहुल ने दो और स्टार्टअप्स लॉन्च किए – Bollywood Bus और SocioMinds Pvt Ltd. Bollywood Bus ने एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में पहचान बनाई, जबकि SocioMinds ने व्यवसायों को डिजिटल समाधान दिए।

आज राहुल के पास तीन सफल कंपनियाँ हैं, 150 से ज्यादा की टीम है और वे लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा हैं। वे सिर्फ एक मिलेनियर नहीं, बल्कि एक बदलाव के वाहक हैं। उन्होंने साबित कर दिया कि छोटे शहर से होने का मतलब यह नहीं कि सपने छोटे हों। अगर मेहनत, धैर्य और दिशा सही हो, तो सफलता जरूर मिलती है।

राहुल की कहानी हमें यह सिखाती है कि असली जीत उन्हीं की होती है, जो परिस्थितियों से नहीं, अपने इरादों से चलना सीखते हैं।

Created On :   12 Jun 2025 2:51 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story