मध्यप्रदेश में कोरोना की दस्तक: नॉर्वे और मालदीव से आए पॉजिटिव मरीज, अब तक तीन लोग पाए गए हैं संक्रमित, जानिए नए वेरिएंट से किन्हें है खतरा

नॉर्वे और मालदीव से आए पॉजिटिव मरीज, अब तक तीन लोग पाए गए हैं संक्रमित, जानिए नए वेरिएंट से किन्हें है खतरा
  • देश में कोरोना मामलों में फिर से उछाल
  • मध्यप्रदेश में भी मिले संक्रमित
  • इंदौर में सामने आए दो मामले

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। कोविड-19 महामारी ने भारत ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के सामने बहुत बड़ी चुनौती पेश की थी। विश्व की बड़ी से बड़ी अर्थव्ययवस्थाओं को भी इस महामारी का दंश सहना पड़ा था। इस वैश्विक महामारी के कारण उत्पन्न हुई चुनौतियों ने कई देशों की विकास यात्रा को कई साल पीछे ला खड़ा कर दिया। कई देश अभी तक उन चुनौतियों से पूरी तरह उबर नहीं कर पाए हैं। इसी बीच एक बार फिर से विश्व के कई हिस्सों में कोविड पॉजिटिव केस सामने आने लगे हैं। भारत भी इससे अछूता नहीं है। पॉजिटिव केस को देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को कई दिशा-निर्देश दिए हैं।

मध्यप्रदेश में भी दस्तक

अब मध्यप्रदेश में भी कोविड पॉजिटिव केस सामने आ रहे हैं। नॉर्वे से जबलपुर आई एक महिला का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया है। इससे पहले मालदीव से लौटी एक 33 वर्षीय महिला और 38 वर्षीय पुरूष भी पॉजिटिव पाए गए थे। हालांकि, अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि तीनों मरीज कोरोना के नए वेरिएंट जेएन.1 से संक्रमित हैं या नहीं। पहले की तुलना में इस नए स्ट्रेन को ज्यादा स्ट्रॉन्ग माना जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, कोविड पॉजिटिव मरीजों के सैंपल को जीनोम सिक्वेंसिंग के लिए भोपाल भेजा गया है।

इंदौर में मिले दो पॉजिटिव केस

इंदौर में एक सप्ताह के भीतर दो कोविड पॉजिटिव केस सामने आए हैं। दोनों ही मरीजों को होम आइसोलेशन में रखा गया है। 13 दिसंबर को 33 वर्षीय महिला और 18 दिसंबर को 38 वर्षीय पुरूष का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया। बताया जा रहा है कि दोनों ही संक्रमित एक ही परिवार के हैं और कुछ ही दिनों पहले मालदीव से इंदौर वापस लौटे थे। केंद्र सरकार द्वारा जारी एडवायजरी के मुताबिक, विदेश से लौटे वायरल फीवर के मरीजों पर खास निगरानी रखी जानी है। सभी जिलों को कोविड संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करने और इलाज की उचित व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है।

किन्हें है ज्यादा खतरा?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के द्वारा जारी की गई नई एडवायजरी के मुताबिक, कोमोर्बिड पेशेंट को संक्रमण का सबसे ज्यादा खतरा है। बता दें कि को-मोर्बोडिटी कैटेगरी में किडनी, हार्ट, लिवर, फेफरे से संबंधित बीमारियों के मरीज और सीनियर सिटीजन आते हैं। ऐसे मरीजों को वायरल फीवर होने पर कोविड जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि समय रहते उचित इलाज मिल सके। इसके अलावा राज्यों को अपनी व्ययवस्थाओं का जायजा लेने को भी कहा गया है।

Created On :   20 Dec 2023 1:08 PM GMT

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story