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Chandrapur News: बाघ और तेंदुआ देख रोमांचित हुए पर्यटक, तीन माह बाद पर्यटकों के लिए खुला ताड़ोबा व्याघ्र प्रकल्प
Chandrapur News ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र परियोजना (कोर क्षेत्र) 1 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए आधिकारिक रूप से खोल दिया गया। पिछले तीन माह बारिश में बंद रहने के बाद ताड़ोबा के कोर जंगल पुन: पर्यटकों के लिए खुले। इस मौके पर देश-विदेश से आए प्रकृति प्रेमियों के साथ-साथ स्थानीय पर्यटक भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। पहले दिन ही अनेक पर्यटक बाघों का स्वच्छंद विचरण देखकर रोमांचित हो उठे।
मोहर्ली प्रवेश द्वार पर सरपंच सुनीता कातकर, पर्यटन मार्गदर्शक शहनाज बेग, काजल निकोडे, संजय मानकर, अनिल तिवाड़े तथा रिसोर्ट मालिक संजय ढिमोले के हाथों गेट की पूजा की गई। इसके बाद पर्यटकों की जिप्सियों का पूजन कर हरी झंडी दिखाते हुए पर्यटन सीजन का शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर ताड़ोबा-अंधारी व्याघ्र परियोजना के उपसंचालक (कोर) आनंद रेड्डी येल्लू, सहायक वनसंरक्षक वी. नातू, मोहर्ली वनपरिक्षेत्र अधिकारी ए.आर. गोंड, क्षेत्र सहायक विलास सोयाम, शरद घागरगुंडे, कोरवते, वनरक्षक स्नेहा महाजन, मरस्कोले, सूर्यवंशी, गोरे, वाटेकर और वानखेडे उपस्थित थे। इसके अलावा पर्यटक मार्गदर्शक, जिप्सी चालक, होमस्टे एवं रिसोर्ट मालिक संजय ढिमोले, बंडू वेखंडे, दीपक ढिमोले, शुभम ढिमोले, स्थानीय ग्रामीण गजानन बापट, पूर्व सरपंच विलास शेंडे, पुलिस पाटील रामकृष्ण साखरकर तथा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
पर्यटकों का स्वागत : वन विभाग ने सभी पर्यटकों का गुलाब फूल देकर स्वागत किया तथा मिठाई वितरण कर आनंदमय वातावरण बनाया। सुबह में सफारी 6 से 10 बजे और दोपहर 2.30 से शाम 6.30 का है। वन्यजीव संरक्षण को ध्यान में रखते हुए ताडोबा में सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया गया है। रिसोर्ट्स में प्लास्टिक की बोतलें भी पूरी तरह से बंद हैं।
पहली सफारी में बाघों का शानदार दीदार : आज सीजन के पहली सफारी में पर्यटकों को रोमांचक वन्यजीव देखने का अवसर पर मिला। पर्यटकों को ताडोबा के लोकप्रिय बाघ युवराज (T-164), दडियल (T-85), तथा छोटी तारा (T-7) अपने दो शावकों के साथ जिप्सी के सामने दिखाई दी। इसके साथ-साथ एक तेंदुआ (लेपर्ड) भी देखा। जंगल सफारी के दौरान सांभर हिरण, चीतल, जंगली भैंसा (बायसन) सहित कई अन्य वन्यजीव भी पर्यटकों के सामने आए।
Created On :   3 Oct 2025 4:09 PM IST