बॉलीवुड: परिणीति चोपड़ा ने कहा - अभिनय के साथ अब गायकी में भी बनानी है खास पहचान

परिणीति चोपड़ा ने कहा - अभिनय के साथ अब गायकी में भी बनानी है खास पहचान
  • दिल और दिमाग से सूफी इंसान हूं
  • 3 साल की उम्र से गा रही हूं
  • अब प्रोफेशनल सिंगर बनना है

डिजिटल डेस्क, मुंबई, नीतू सिंह। परिणीति चोपड़ा ने साल 2011 में यश राज फिल्म्स के बैनर तले अपने अभिनय करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने फिल्म ‘लेडीज वर्सज रिक्की बहल', ‘इश्कजादे', ‘शुद्ध देसी रोमांस' ‘हंसी तो फंसी' और ‘संदीप और पिंकी फरार' जैसी फिल्मों में काम किया। शादी के बाद अब अपनी फिल्म 'चमकीला' की सफलता से वह बेहद खुश हैं लेकिन एक गायक के तौर पर खुद को स्थापित करने की खुशी उन्हें ज्यादा है। बचपन से ही संगीत और गायकी के प्रति समर्पित परिणीति अब अभिनय के साथ बतौर सिंगर अपना करियर बनाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने दैनिक भास्कर से खास बातचीत में बताया कि अगर मैंने ‘चमकीला’ नहीं की होती, तो मुझे और दुनिया को पता ही नहीं चलता कि मैं लाइव गा सकती हूं और अच्छी एक्टिंग कर सकती हूं। उन्होंने अपनी गायकी और जीवन के कई दिलचस्प किस्से भी साझा किए...


‘चमकीला’ मेरा सिंगिंग डेब्यू बन गया

मुझे हमेशा से गायकी से प्यार है। मैं शूट्स पर, घर में या इंटरव्यू में अक्सर गाने गुनगुना लिया करती थी। फिल्म ‘चमकीला’ से मुझे अपनी इस छिपी प्रतिभा को दिखाने का मौका मिला। मुझे लगता है इस फिल्म से मेरी सिंगिंग का डेब्यू हुआ है। जब हम एक्टर कोई फिल्म करते हैं तो उम्मीद रहती है कि लोग हमारे अभिनय की तारीफ करें लेकिन ‘चमकीला’ ने मुझे अभिनेत्री के साथ सिंगर के तौर पर भी पहचान दे दी।

3 साल की उम्र से गा रही हूं, संगीत में डिग्री

मैं एक म्यूजिकल परिवार से आती हूं। मैं 3 साल से गाना गाती आ रही हूं। स्कूल में थी तब मैंने हिंदुस्तानी क्लासिकल संगीत सीखा है। मैंने संगीत में डिग्री ली है। यह भले ही मेरा शौक था लेकिन संगीत को मैंने हमेशा गंभीरता से लिया है। एक्टर बन गई तो अभिनय में व्यस्त हो गई। लेकिन हमेशा से जेहन में था कि अपनी गायकी को भी मौका दूं। अभिनय के दौरान भी हमेशा सोचती थी कि संगीतकारों से मिलूं, अपने गानों में लिप्सिंग के बजाय खुद गाऊं लेकिन वह हो नहीं पाया और जब ‘चमकीला’ में सिंगर का ही किरदार निभाने से मेरा यह सपना पूरा हुआ।


अब प्रोफेशनल सिंगर बनना है

बचपन में मैंने बहुत सारे सिंगिंग शो किए हैं, स्टेज परफॉरमेंस दी हैं। कई तो जीते भी हैं। अब मुझे अभिनय के साथ सिंगिंग में भी करियर बनाना है। मैंने टीएम मैनेजमेंट कंपनी के साथ एक डील साइन की है, जो मेरा सिंगिंग का काम संभालेंगे। मैं अब एल्बम, फिल्मों के लिए सिंगिंग, स्टेज शो सब तरह के शो करने वाली हूं। मैं एक्टर और सिंगर दोनों करियर साथ चलाना चाहती हूं।

मेरा परिवार मुझे नार्मल रखता है

बॉलीवुड की चकाचौंध मुझे ज्यादा प्रभावित नहीं कर पाती। उसके पीछे मेरा परिवार है। वह मुझे हमेशा नार्मल और ग्राउंडेड रखते हैं। मेरा और राघव, दोनों का परिवार मुंबई से बाहर रहता है। मैं जब यहां मुंबई में शूट से वापस घर जाती हूं तो वहां फिल्मों से अलग माहौल होता है। वे मुझे नार्मल रखते हैं। फिल्म इंडस्ट्री मुझे बदल पाती, उससे पहले मेरे और राघव के परिवार ने मुझे काफी ज्यादा संभाल लिया है।


सूफी इंसान हूं, सरल जिंदगी जीती हूं

मैं दिल और दिमाग से सूफी इंसान हूं। मुझे ज्यादा गुस्सा नहीं आता। करियर या जीवन के उतार-चढाव पर मेरा नजरिया सरल और शांत ही रहता है। भगदौड़ की जिंदगी से परे टेंशन फ्री रहना चाहती हूं। अपने काम में बहुत मेहनत करती हूं, छुट्टियां लेती हूं, परिवार को समय देती हूं, अपनी पसंद की चीजें करती हूं। तो फिर मेरा दिमाग और दिल उन चीजों की तरफ जाता ही नहीं कि जहां कुछ सोचकर मैं लड़ाई या झगड़ा करूं। मेरे हिसाब से तो सिर्फ 15 मिनट का नहीं बल्कि मेरा पूरा जीवन मैडिटेशन की तरह रहे। सरल और सादगी ही जीवन शैली है मेरी।

बबली नाम मीडिया की देन

मीडिया ने मुझे बबली नाम दिया है। मैं इससे सहमत नहीं हूं, मतलब एक लड़की थोड़ा जोर से हंस ले तो लोग बबली नाम रख देते हैं। मैंने इस पर कभी कुछ नहीं कहा क्योंकि मैं ज्यादा एक्सप्लेन नहीं करना चाहती। बेकार के मुद्दों में मुझे दिलचस्पी नहीं है। सिंपल लड़की हूं, ज्यादा बहस में नहीं पड़ती। अपने परिवार और करियर में व्यस्त रहती हूं। जब शूट होता है तो मुंबई में होती हूं। नहीं तो पूरी दुनिया घूमती हूं। मुझे ऐसे ही रहना पसंद है।

Created On :   27 Jun 2024 5:47 PM IST

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