यात्रियों को परेशानी: कमाई के लिए एसटी ने छीनीं 100 गांवों की बसें, निजी बसों की ओर रूख कर रहे यात्री

कमाई के लिए एसटी ने छीनीं 100 गांवों की बसें, निजी बसों की ओर रूख कर रहे यात्री
  • तेजी से बंद हो रहीं साधारण एसटी बसें
  • सुपरफास्ट को प्राथमिकता
  • निजी बसों की ओर रूख कर रहे यात्री

डिजिटल डेस्क, नागपुर. सेवा भाव के तर्ज पर चलने वाली एसटी बसें अब कमाई की ओर ध्यान दे रही हैं। साधारण बसों को तेजी से कम किया जा रहा है, ताकि सुपरफास्ट बसों को चलाकर ज्यादा राजस्व कमा सकें। नागपुर से उमरेड, रामटेक, काटोल आदि जगहों पर चलने वाली साधारण बसें तेजी से कम की गई हैं। इन बसों पर निर्भर रहने वाले स्कूली छात्रों से लेकर नौकरीपेशा यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

काले रंग के बोर्ड खास पहचान

यात्री सेवा ही उद्देश्य की तर्ज पर एसटी बसों को राज्य भर में चलाया जाता है। प्रति दिन 400 से ज्यादा बसें विभिन्न दिशाओं की ओर लाखों यात्रियों को लेकर चलती हैं। ऐसे में रेलवे के बाद यात्रियों के लिए यह एक मुख्य साधन है। केवल नागपुर की बात करें तो यहां 4 डिपो हैं, जिसमें मुख्य गणेशपेठ बस स्टैण्ड है। करीब एक हजार बसें प्रति दिन विभिन्न डिपो से यहां आकर जाती हैं। वहीं गणेशपेठ से ही 135 बसें चलाई जाती हैं, जो अमरावती, नरखेड, पांढुर्णा, हैदराबाद, पंढरपुर आदि लंबी दूरियों के लिए जाती हैं। इसके अलावा कम दूरी की बसें भी चलाई जाती हैं, जो साधारण बसें कहलाती हैं। इस बस में काले रंग के लगे बोर्ड खास पहचान हैं। इन बसों को 5-10 किमी पर रहने वाले गांव में स्टॉप लेना होता है, ताकि स्कूल छात्र से लेकर नौकरीपेशा इन बसों का उपयोग कर सकें। इन दिनों इन्हें तेजी से बंद किया जा रहा है। ऐसे में यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है।

यात्री नहीं मिलने के नाम पर सेवा बंद, लोगों को परेशानी

एसटी महामंडल की कई बसों को बंद भी किया गया है, जिसके कारण इन बसों पर निर्भर रहनेवालों को अब निजी बसों की ओर रूख करना पड़ रहा है। बंद करने वाली बसों में सबसे पहले जबलपुर की बस को बंद किया गया, जिसके लिए नागपुर से बड़ी संख्या में यात्री रहते हैं। इसके बाद शिर्डी की बस को अर्निंग कम होने के नाम पर बंद किया गया। हैदराबाद के लिए जानेवाली 3 में से एक बस बंद की गई। नांदेड़ की ओर जानेवाली बस भी बंद हो गई है। इसी तरह सिरोंचा की बस भी प्रशासन ने यात्री न मिलने का हवाला देकर बंद कर दी है। हाल ही में पचमढी की भी एक बस बंद की गई है।

यहां के लिए बसों की संख्या कम

नागपुर से काटोल के बीच 40 छोटे-छोटे गांव आते हैं, जिसमें फेटरी, येरला, तडेगांव, परमेश्वर, उबाडी, खैरी, मेंढी, मेटपांजरा आदि शामिल हैं।

नागपुर से भंडारा के बीच 60 के करीब गांव हैं, जिसमें महालगांव, पारडी, वडगांव, होरगांव, कापसी, गुमथला आदि गांव शामिल हैं।

नागपुर से उमरेड की बात करें तो इस लाइन पर 36 गांव बसें हैं, जिसमें बहादुरा, पांचगांव, कलमना, विहीरगांव, खापरी, चांपा, उदासा आदि हैं। -नागपुर से रामटेक के बीच कामठी, कन्हान, कान्द्री, टेकाडी, आमडी फाटा, आमडी बस्ती, मनसर आदि गांव आते हैं।

उक्त सभी गांव के छात्र, नौकरीपेशा व किसान साधारण बसों पर निर्भर रहते हैं, लेकिन इन रास्तों पर साधारण बसों की जगह सुपरफास्ट बसें चल रही हैं।

Created On :   29 Jan 2024 1:34 PM GMT

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