फिरौती: गडकरी से फिरौती मांगने का मामला नागपुर में ही चलेगा, एनआईए ने वापस ली अर्जी

गडकरी से फिरौती मांगने का मामला नागपुर में ही चलेगा, एनआईए ने वापस ली अर्जी
  • धंतोली पुलिस ने आरोप-पत्र दायर किया
  • जयेश पुजारी ने गडकरी के कार्यालय में दो बार किया था फोन
  • एनआईए ने मुंबई में भी दो मामले दर्ज किए

डिजिटल डेस्क, नागपुर। केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी के कार्यालय में फोन करके उन्हें फिरौती के लिए धमकाने वाले आरोपी जयेश पुजारी उर्फ कांथा और उसके सहयोगी जैश-ए-मोहम्मद और आतंकवादी संगठन पीएफआई के सदस्य पाशा असफ़र बशीरुद्दीन नूर मोहम्मद के खिलाफ नागपुर के कोर्ट में ही मामला चलेगा। जांच का हवाला देकर यह मामला मुंबई के विशेष अदालत में ट्रांसफर करने की मांग करते हुए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बॉम्बे हाई कोर्ट के नागपुर खंडपीठ में अर्जी दायर की थी, लेकिन नागपुर के विशेष कोर्ट में चल रहे इस मामले में धंतोली पुलिस ने आरोप-पत्र दायर किया है। इसलिए अब एनआईए ने अपनी अर्जी वापस ली है।

यह है आरोप : जयेश पुजारी ने गडकरी के कार्यालय में दो बार फोन किया और पैसे वसूलने की धमकी दी थी। उसके खिलाफ धंतोली थाने में दो मामले दर्ज हैं। इस मामले में पाशा को भी गिरफ्तार किया गया है। उसने ही जयेश से गडकरी के जनसंपर्क कार्यालय में फोन करवाया था। दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। साथ ही जांच एनआईए को सौंप दी गई। एनआईए ने मुंबई में भी दो मामले दर्ज किए थे। इस मामले में गुरुवार को न्या. विनय जोशी और वृषाली जोशी के समक्ष हुई सुनवाई में एनआईए ने यह अर्जी वापस ले ली। एनआईए की ओर से डिप्टी सॉलिसिटर जनरल एड. नंदेश देशपांडे और एड. चरण ढुमने ने पक्ष रखा।

सेशन कोर्ट ने खारिज की थी मांग : एनआईए ने नागपुर सेशन कोर्ट में मांग की थी कि इन मामलों को मुंबई ट्रांसफर किया जाए, लेकिन सेशन कोर्ट ने एनआईए की मांग खारिज कर दी थी। इसलिए एनआईए ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी।

एनआईए का तर्क : इस मामले में एनआईए ने मुंबई में केस दर्ज किया है। एनआईए अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार नागपुर में इन मामलों के लिए एक अदालत नामित की गई है, लेकिन इसकी नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की गई है। केंद्र सरकार ने इस अधिनियम के तहत मामलों के लिए मुंबई में विशेष अदालतें नियुक्त की हैं। इसलिए, पुजारी और पाशा के खिलाफ मामलों को मुंबई में ट्रांसफर किया जाना चाहिए, ऐसी एनआईए की ओर से हाई कोर्ट में मांग की गई थी।


Created On :   29 March 2024 10:29 AM GMT

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