घोटाला: 750 करोड़ की टैक्स चोरी निकलते ही खरीदे एल-7 ग्रुप ने 22 करोड़ के बॉन्ड

750 करोड़ की टैक्स चोरी निकलते ही खरीदे एल-7 ग्रुप ने 22 करोड़ के बॉन्ड
  • इनकम टैक्स की रेड और सरकारी कांट्रैक्ट मिलते ही नागपुर में भी खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड
  • कोयले की धांधली में आरोप तय करने के पहले स्वामी फ्यूल ने 5 करोड़ के बॉन्ड खरीदे
  • नया कांट्रैक्ट मिलने के बाद धारीवाल ने 115 व वरोरा कंपनी ने भी दिया 5 करोड़ का चंदा

सुनील हजारी , नागपुर। इन दिनों एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदने के मामले में बवाल मचा हुआ है। रोज नई-नई कहानियां सामने आ रही हैं। नागपुर संभाग और आस-पास में हुई इनकम टैक्स की बड़ी कार्रवाई और सरकारी कांट्रैक्ट मिलने के तुरंत बाद भी एसबीआई के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदकर चंदा दिया गया। भास्कर पड़ताल में ऐसे ही चार मामले सामने आए हैं, जो बताते हैं कि मामला गड़बड़ है।

एल-7 ग्रुप: ऑनलाइन गेम के नाम पर 750 करोड़ की काली कमाई सामने आई : महाराष्ट्र में ऑनलाइन गेम के नाम पर सबसे बड़ा सट्‌टा चलाने के आरोपी रवि अग्रवाल के एल-7 ग्रुप पर 10 मई 2023 को नागपुर-मुंबई सहित देश के 17 ठिकानों पर इनकम टैक्स के छापे पड़े थे। छापों में करोड़ों की काई कमाई सामने आई थी। सूत्रों के अनुसार, करीब दो माह बाद इनकम टैक्स विभाग ने करीब 750 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी की रकम तय की। जुर्माना और वसूली की कार्रवाई के लिए नोटिस भी जारी हुए। इसके तुरंत बाद एल-7 ग्रुप ने अक्टूबर माह में अलग-अलग तारीखों में 22 करोड़ के एसबीआई इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। इस ग्रुप से जुड़े सूत्रों का दावा है कि मामला निपटाने के लिए 30 प्रतिशत बॉन्ड और बाकी कैश रकम खर्च की गई। हालांकि इनकम टैक्स विभाग का कोई भी अधिकारी इस मामले में अब बोलने को तैयार नहीं है। उनका कहना है कि हम जल्द ही कार्रवाई करने वाले हैं। सूत्रों के अनुसार रवि अग्रवाल ने नागपुर अौर विदर्भ के कुछ कारोबारियों को भी बॉन्ड खरीदने को कहा था।

स्वामी फ्यूल कंपनी में कोयले की काली कमाई सामने आई थी : इनकम टैक्स विभाग ने स्वामी फ्यूल कंपनी से जुड़े लोगों पर 12 जुलाई 2019 में 19 ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की थी। इसमें कंपनी के डायरेक्टर रंजीत सिंह छाबड़ा, श्याम मित्तल, संदीप अग्रवाल, नितीन उपरे के घर व कार्यालय पर करीब 150 अधिकारियों की टीम ने छापा मारा था। सूत्रों के अनुसार, इसमें कोयले की काली कमाई करीब हजार करोड़ रुपए होने का दावा किया गया था। सूत्रों के अनुसार, इनकम टैकस की तमाम कार्रवाई के बाद एक बड़ी रिकवरी निकाली गई। इसके बाद 7 अक्टूबर को अलग-अलग तरीकों में स्वामी फ्यूल ने 5 करोड़ के बॉन्ड खरीदे। हालांकि इसके बाद भी सूत्रों के अनुसार कार्रवाई से निपटने के लिए करोड़ों रुपए की राशि का अतिरिक्त खर्च भी किया गया।

धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को थर्मल पॉवर के कांट्रैक्ट मिले, इसके बाद 115 करोड़ के बॉन्ड खरीदे : धारीवाल इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड लि. कोयले के व्यापार से जुड़ी हुई है। यह कोलकाता बेस कंपनी है, जो वर्तमान में चंद्रपुर जिले में काम कर रही है। 2020-21 के दौरान कंपनी को कुछ नए सरकारी कांट्रैक्ट मिले, जिसके बाद कई तरीकों में दो सालों में करीब 115 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे गए। संबधित कंपनी की अधिकारियों को मैनेज करने के कई किस्से मशहूर हैं। सूत्रों के अनुसार लोकल स्तर पर कंपनी चंदा देने में सबसे आगे रही है। कंपनी के डायरेक्टर राजेंद्र झा, सुब्रत तालुकदार, विनोद कुमार, रवि चौधरी, मैत्रेयी सेन और भास्कर कुमार गांगुली हैं।

सरकार से टॉयअप करते ही ओसीडब्ल्यू से जुड़ी कंपनी ने 5 करेाड़ के बॉन्ड खरीदे : वरोरा चंद्रपुर बल्लारपुर टोल प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर सिद्धार्थ अरुण लखानी हैं, जिनके पास कुछ माह पहले तक नागपुर में पानी सप्लाई करने वाली ओसीडब्ल्यू का कांट्रैक्ट था। उनके पास चंद्रपुर वल्लारपुर रोड के टोल कांट्रैक्ट भी हैं। सूत्रों के अनुसार कंपनी के पास कुछ नए कांट्रेक्ट पिछले साल मिले। इसके बाद 20 नवंबर को 7 करोड़ रुपए के बॉन्ड खरीदे गए।

इनकम टैक्स विभाग का नो कमेंट्स : जब हमने नागपुर के इनकम टैक्स विभाग के कुछ अधिकारियों से वर्जन चाहा ताे उनका कहना था कि मुख्यालय में बात करें। जब मुख्यालय में कुछ अधिकारियों से बात की तो उनका कहना था कि कार्रवाई का बॉन्ड खरीदने से कोई कनेक्शन नहीं है। इस मुद्दे पर हम किसी भी तरह का कमेंट्स नहीं कर सकते।

Created On :   19 March 2024 5:37 AM GMT

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