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1 करोड़ 30 लाख की धोखाधड़ी, सूत्र सेवा के संचालक की शिकायत पर डीलर पर हुई एफआईआर
डिजिटल डेस्क रीवा । सूत्र सेवा की बसों की खरीदी में संचालक के साथ धोखाधड़ी हुई है। सात बसों की राशि देने के बाद भी मुश्किल से चार गाडिय़ां ही मिल पाई। लगभग 1 करोड़ 30 लाख की अतिरिक्त राशि डीलर के पास अभी भी जमा है। लगातार टाल-मटोल किए जाने सूत्र सेवा के संचालक ने एसपी से शिकायत की। जिसकी जांच कर चोरहटा थाना पुलिस ने आयशर कम्पनी के डीलर एवं सिंह इंटरप्राइजेज के प्रोपाइटर मनोज सिंह निवासी बोदाबाग रीवा के खिलाफ थाना 406 एवं 420 का अपराध कायम किया है।
ऐसा है मामला
शिकायतकर्ता रमेश तिवारी निवासी पुष्पराजनगर के मुताबिक मनोज सिंह स्वयं उनके पास आए और कहा कि आप एक बार आयशर की गाड़ी खरीदकर देखिए। गाडिय़ां तैयार है, जिसे हम तुरंत ही उपलब्ध करा देंगे। कई बार चर्चाएं हुई और बात फाइनल हो गई। शिकायतकर्ता के मुताबिक डीलर के कहने पर 13 जनवरी को 13 लाख रूपये एडवांस दिए गए थे। इसके बाद दो बैंकों से फाइनेंस कराकर 1 करोड़ 78 लाख रूपये डीलर के खाते में भेजे गए। डीलर ने बताया कि इंदौर में गाडय़ां बन गई हैं। जिस पर वे देखने पहुंचे तो पता चला कि सिर्फ चार चेचिस भेजी गई है। बता करने पर मनोज ने कहा कि 30 मार्च तक दे देंगे। उधर लोन की किश्त चालू हो जाने से तनाव बढ़ता गया। मनोज के कहने पर 13 अप्रैल को 17 लाख रूपये इंदौर में गाड़ी की बॉडी तैयार करने वाले को भी दिए। इसके बाद मनोज ने फोन उठाना बंद कर दिया। आयशर कम्पनी में सम्पर्क किया। इसके बाद चर्चा हुई और 55 लाख फिर जमा कराए गए। मनोज ने कहा कि पांच ड्राइवर इंदौर भेज दें, गाडिय़ां तैयार हैं। लेकिन जब यहां से ड्राइवर भेजे तो गाडिय़ां नहीं मिलीं। ड्राइवर वापस आ गए। इसके बाद एसपी से शिकायत की गई। 21 जून को सिर्फ चार गाडिय़ां मिलीं।
2 करोड़ 70 लाख से ज्यादा दिए
बस खरीदने के लिए मनोज सिंह को 2 करोड़ 70 लाख 55 हजार 548 रूपये दिए गए हैं। यह रूपये सात बसों के हिसाब से जमा कराए गए। वास्तव में सात बसों की कीमत 2 करोड़ 60 लाख 32 हजार 750 रूपये ही होती है। लेकिन जल्द से जल्द बस पाने के लिए सूत्र सेवा के संचालक यह सोंचकर रूपये जमा करते गए कि अभी पांच गाडिय़ां और लेनी हैं, जिसमें पैसा समायोजित हो जाएगा। लेकिन वे धोखाधड़ी के शिकार हो गए। अभी तक सात में से सिर्फ चार गाडिय़ां ही हाथ आई। इस तरह 1 करोड़ 30 लाख रूपये अतिरिक्त जमा है।
संचालक को दोहरी मार
सूत्र सेवा के संचालक को दोहरी मार पड़ी है। बैंक का वह कर्जदार हो गया। हर माह किश्त की व्यवस्था करनी है। उधर सूत्र सेवा के तहत जो अन्य बसों का संचालन शुरु होना था, वह भी नहीं हो पाया। समय पर सेवा शुरु न होने से लगातार पत्र आ रहे हैं।
Created On :   25 Aug 2021 3:57 PM IST