पंजाब में फंसे जिले के 125 मजदूर -गांव में परिवार के बीच आने के लिए लगा रहे गुहार

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 पंजाब में फंसे जिले के 125 मजदूर -गांव में परिवार के बीच आने के लिए लगा रहे गुहार

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। कोरोना वायरस से लोगों को घर परिवार से दूर कर दिया है। अभी भी जिले के सैकड़ों लोग दूसरे राज्यों व जिलों में फंसे हुए हैं और अपने घर गांव आने की गुहार लगा रहे हैं। वैढऩ, नौगई, हर्रइया, तेलदह, खुटार, मकरोहर और आसपास से लगभग 125 मजदूर व उनके छोटे छोटे बच्चे पंजाब के संगरूर जिले के धुरी कस्बे में फंसे हुए हैं। उनके परिवारिक सदस्य पचखोरा में रहने वाले संतलाल बसोर ने परिवार के सदस्यों सहित अन्य सभी को सिंगरौली लाए जाने की गुहार लगायी है। जिले के अलग अलग गांवों में रहने वाले सभी श्रमिक व उनके परिवार पंजाब में मजदूरी के लिए गये हुए थे लेकिन अचानक लॉकडाउन हो जाने से अपने घरों को नहीं लौट पाये हैं। पंजाब से मोतीलाल बसोर ने फोन पर बताया कि वे कई वर्षों से यहां पर दिहाड़ी पर मजदूरी करने के लिए आते रहे हैं। दो महीने पहले ही सिंगरौली से आये थे, उनके साथ कमलेश, रीना देवी, बिन्दु, लालता, धरम दसिया, आशीष कुमार, सीताराम, रामकली, विष्णू, उमेश, जोखन , सुगिया, रामप्रसाद सहित 122 वयस्क श्रमिक और दो दर्जन से अधिक छोटे बच्चे हैं। जो सभी अपने घरों को वापस लौटना चाहते हैं। 
संगरूर से 70 किमी दूर है धुरी कस्बा
उनका कहना है कि जिस कस्बे में वे रह रहे हैं वहां से उनका जिला मुख्यालय संगरूर भी 70 किमी दूर है। लॉकडाउन के कारण उनका बाहर निकलना अथवा किसी भी प्रशासनिक अधिकारी से मिल पाना संभव नहीं है। कई दिनों पहले जिला प्रशासन के द्वारा राशन दिया गया था। जो समाप्त हो चुका है। मप्र सरकार के द्वारा खाते में पैसा भेजा गया था जिसे आधार कार्ड से निकालकर काम चलाया जा रहा है। लेकिन और अधिक दिनों तक यहां रह पाना संभव नहीं है। इसलिए जिला प्रशासन सिंगरौली के द्वारा हम सभी को यहां से वापस लाने के लिए सरकारी मदद मुहैय्या करायी जाय।
 

Created On :   29 April 2020 7:07 PM IST

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