दस लाख रूपये मूल्य की 204 पेटी अवैध शराब जब्त

204 boxes of illicit liquor worth one million rupees seized
दस लाख रूपये मूल्य की 204 पेटी अवैध शराब जब्त
दस लाख रूपये मूल्य की 204 पेटी अवैध शराब जब्त

डिजिटल डेस्क छतरपुर । कोतवाली पुलिस ने देर शाम बस स्टैंड पर स्थित अंग्रेजी शराब दुकान में उतर रही एक मिनी ट्रक अवैध शराब जब्त कर ली। लगभग 204 पेटी अवैध शराब टाटा 407 वाहन से दुकान में उतारी जा रही थी। जैसे ही पुलिस मौके पर पहुंची और दस्तावेज मांगे। टाटा 407 वाहन का चालक मौके से फरार हो गया। इसके बाद पुलिस ने आबकारी अधिकारी शैलेष जैन को मौके पर बुलाया। उनके सामने भी दुकान मालिक या कोई अन्य व्यक्ति शराब के दस्तावेज पेश नहीं कर सका। इसके बाद पुलिस शराब से भरे ट्रक को लेकर कोतवाली चली गई। गौरतलब है कि कोतवाली टीआई एवं इस शराब दुकान के संचालक कुणाल राय के बीच विवाद की बात जग-जाहिर है। पुलिस द्वारा जब्त शराब की कीमत 10 लाख रुपए बताई गई है। 
कोतवाली पुलिस ने बताया कि मुखबिर से गुरूवार की शाम करीब 6 बजे सूचना मिली कि एक टाटा 407 ट्रक एमपी 09 जीएफ 4211 आयशर वाहन से बड़ी मात्रा में कई ब्रांड्स की अवैध शराब नए बस स्टैंड पर स्थित शराब दुकान में उतारी जा रही है। इसके बाद पुलिस ने इस दुकान के बाहर खड़े इस वाहन को पकड़ लिया। बताया गया कि ट्रक से दस पेटी शराब दुकान में जा चुकी थी, उसे जब्त नहीं किया गया है। लेकिन जो शराब ट्रक में मौजूद थी, उसे दस्तावेज न मिलने पर जब्त कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि वे जैसे ही मौके पर पहुंचे तो ड्राइवर भाग गया। इसके बाद पुलिस ने शराब के दस्तावेज न होने की सूचना एसपी को दी। एसपी तिलक सिंह ने मामले में आबकारी अधिकारी शैलेष जैन को कॉल कर मौके पर मामले की जांच करने के लिए कहा। मौके पर आए आबकारी अधिकारी जैन ने सभी संबंधितों से शराब के दस्तावेजों के बारे में पूछताछ की। दस्तावेज न मिलने पर उन्होंने कहा कि जब तक इस शराब के कागजात नहीं मिलेंगे, ये बताना मुश्किल है कि ये शराब वैध है अथवा अवैध है। इधर कोतवाली के सब इंसपेक्टर भुवनेश शर्मा ने बताया कि ट्रक में कुल 204 पेटी इंपीरियल ब्लू, मैकडॉवेल, रॉयल चैलेंज, आफिसर्स च्वाइस, ब्लैक फोर्ड रम सहित कई ब्रांड्स की शराब पकड़ी गई है। 
पल्लेदार बोला-दुकान से फोन आने पर उतारी शराब
इस मामले में ट्रक से अंग्रेजी शराब की दुकान में शराब उतार रहा पल्लेदार नंदलाल पटेल ने बताया कि दुकान से उसे फोन किया गया था। इस पर वह शराब ट्रक से उतारकर दुकान के भीतर पहुंचा रहा था। उसने पकड़े जाने से पहले 10-15 पेटी शराब दुकान में रखने की बात बताई। उधर शराब दुकान के कर्मचारी भगवानदास का कहना है कि पूरी शराब एक नंबर की है। वह खुद परमिट बनवाकर दुकान में दे गया था। हालांकि सवाल यह भी है कि जब दुकान में परमिट था तो पुलिस अथवा आबकारी की टीम को यह क्यों नहीं दिखाया गया।
एसपी बोले- डिपो में टीम भेजकर परमिट के बारे में पता करेंगे
इधर एसपी तिलक सिंह ने बताया कि मुखबिर ने पुख्ता सूचना दी थी कि अंग्रेजी शराब की दुकान में अवैध खाली की जा रही है। इस पर कार्रवाई की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस के शराब दुकान के भीतर जाने पर विवाद होता है। इसलिए आबकारी अधिकारी को मौके पर फोन कर बुलाया था। उन्होंने मुझे बताया कि शराब के साथ परमिट नहीं है। इसके बाद ही इसे अवैध मानते हुए कार्रवाई की गई है। एसपी ने कहा कि पुलिस टीमें बनाकर ये पता किया जा रहा है कि इस ट्रक नंबर में कहां के लिए शराब लोड हुई थी। उन्होंने बताया कि आरोपी ट्रक पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। मामला अवैध शराब के बड़े ब्रांड्स को बस स्टैंड की शराब दुकान में उतारे जाने का था, इसलिए तहसीलदार भी मौके पर पहुंच गए। हालांकि दुकान कर्मचारी इस शराब के बारे में पुलिस से बातचीत करने में कतराते रहे। आबकारी अधिकारी शैलेष जैन ने एसपी से साफ शब्दों में कहा कि शराब के साथ परमिट नहीं है, अत: अवैध है। लेकिन जब भास्कर रिपोर्टर ने उनसे पूछा तो बोले-दस्तावेज देखने पर ही बता पाएंगे कि असलीयत क्या है।  
टीआई-शराब विक्रेता के बीच चल रहा विवाद
गौरतलब है कि इस शराब दुकान के संचालक ने पूर्व में टीआई कोतवाली सरिता वर्मन पर उन्हें अनावश्यक परेशान करने एवं रुपए के लिए परेशान करने के आरोप लगाए थे। इधर कोतवाली टीआई ने इन आरोपों से इनकार करते हुए कहा था कि अवैध शराब के कारोबार पर अंकुश लगने की वजह से उक्त दुकान संचालक आरोप लगा रहा है। हालांकि गुरुवार की कार्रवाई के दौरान कोतवाली टीआई भोपाल में थी। लेकिन उसी शराब दुकान पर कार्रवाई होने से उक्त विवाद की चर्चा भी जोरों पर है।
 

Created On :   17 Jan 2020 9:16 AM GMT

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