डॉक्टर के इंतजार में 25 दिन के मासूम की थम गई सांसें!

25 days of innocent breath stopped while waiting for the doctor!
डॉक्टर के इंतजार में 25 दिन के मासूम की थम गई सांसें!
डॉक्टर के इंतजार में 25 दिन के मासूम की थम गई सांसें!

डिजिटल डेस्क सिंगरौली (वैढऩ)। रविवार को जिला अस्पताल के एसएनसीयू (स्पेशल न्यूबॉर्न केयर यूनिट) में 25 दिन के एक नवजात की दर्दनाक मौत हो गई। मौत के कारण को लेकर मृत मासूम के पिता का आरोप है कि समय पर डॉक्टर के नहीं आने से बच्चे की मौत हुई। उनका आरोप है कि वह अपने बच्चे को दोपहर करीब 12 बजे अस्पताल लेकर आये थे और उसे एसएनसीयू में भर्ती कराये थे। इस दौरान एसएनसीयू में कोई डॉक्टर नहीं थे और डॉक्टर का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनके बच्चे के नाक से काफी ज्यादा ब्लड निकल रहा था और वह तड़प रहा था। एसएनसीयू की ड्यूटी नर्सों द्वारा भी बच्चे की नाक से लगातार निकल रहे ब्लड को रोकने और उसकी हालत सुधारने का प्रयास किया जा रहा था, फिर भी कोई फायदा नहीं हो रहा था। ऐसे में सभी को डॉक्टर का इंतजार था कि डॉक्टर आयेंगे, तो वह स्थिति को काबू करेंगे। लेकिन करीब 3 घंटे का समय बीतने के बाद डॉक्टर आये। तब तक में काफी देर हो चुकी थी और मासूम की सांसें थम गईं। 
अक्सर नदारद रहते हैं ड्यूटी डॉक्टर
जानकारी के अनुसार एसएनसीयू यूनिट में अस्पताल की इमरजेंसी सेवा के जैसे ही डॉक्टर्स की ड्य़ूटी रहती है। इसके बाद भी यहां ड्यूटी के समय अक्सर डॉक्टर्स लगातार उपस्थित नहीं रहते हैं। इस घटना में भी कुछ ऐसा ही हुआ। ऐसे में मामले को नजरअंदाज भी नहीं किया जा सकता है। इसे लेकर अस्पताल प्रबंधन को जांच करके, व्यवस्था को दुरूस्त भी करने की जरूरत है। ताकि मासूम बच्चों को समय पर इलाज मिल सके और मौत से बचाने का पूरे प्रयास हो सकें।
अस्पताल प्रबंधन ने कहा..
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉ. एनके जैन ने मामले को लेकर कहा है कि एसएनसीयू में उस बच्चे के परिजनों ने ही जैसा बताया था। उसके अनुसार बच्चा अपनी मां के साथ बाइक से जा रहा था और चलती हुई बाइक में मां ने बच्चे को दूध पिलाया। ऐसे में संभवत: दूध बच्चे के श्वसन नली में चला गया और इससे उसकी हालत काफी बिगड़ गई। परिजन पहले ही बच्चे को डॉ. एपी पटेल के पास ले गये थे, जहां डॉ. पटेल ने उसकी जांच की तो उसे सांस लेने में काफी तकलीफ हो रही थी, लेकिन हार्ट बीट चल रही थी। जिससे उन्होंने तत्काल बच्चे को एसएनसीयू में भर्ती कराने को कहा था, इसलिये यह कहना सही नहीं है कि बच्चे को डॉक्टर ने नहीं देखा। एसएनसीयू में उसे रिकवर कराने के लिये ड्यूटी नर्सों द्वारा सभी आवश्यक प्रयास भी किये गये थे, लेकिन मासूम नहीं बच पाया, यह दुखद है।
 

Created On :   16 March 2020 9:45 AM GMT

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