महज 1.25 लाख के खर्च में सुधार दी 26 साल पुरानी विदेशी बुलेट कैप

26-year-old foreign bullet cap improved in spending of only 1.25 lakh
महज 1.25 लाख के खर्च में सुधार दी 26 साल पुरानी विदेशी बुलेट कैप
महज 1.25 लाख के खर्च में सुधार दी 26 साल पुरानी विदेशी बुलेट कैप


डिजिटल डेस्क कटनी। इंसान सोच तो ले कि उसका इरादा क्या है तो किसी भी कठिन कार्य का हल निकालना कोई बड़ी बात नहीं है। कुछ ऐसा ही आयुध निर्माणी के मेकेनिकल, इंजीनियरिंग, प्रोडक्शन विभाग के मेहनतकश कर्मियों की 16 सदस्यीय टीम ने एक माह में पूरा कर दिखाया है। इतना ही नहीं इनके अटल इरादों ने 26 साल पुरानी विदेशी बुलेट कैप मशीन के 50 लाख के मेंटेनेंस खर्च को मात्र सवा लाख में हल कर दिया है। प्रोडक्शन में लगने वाले समय में भी सुधार होगा। यह बात आयुध निर्माणी महाप्रबंधक बीपी मुन्घाटे ने  मशीन की शुरुआत मौके पर कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कही। एक सादे कार्यक्रम के दौरान एक माह तक मेहनत कर मशीन सुधरने के लक्ष्य को पूरा करने वाले 16 कर्मियों को गुलाब का फूल एवं चांदी का एक सिक्का देकर सम्मानित किया गया।
उत्पादन कार्य हो रहा था प्रभावित-
इस संबंध में प्राप्त जानकारी अनुसार आयुध निर्माणी में सेना के लिए 5.56
ग्लाइडिंग मेटल कप जो इनसॉस राइफल एवं ए-7 ग्लाइडिंग मेटल कप जो एके -47 राईफल में उपयोग होते हैं। इन बुलेट कप का निर्माण वर्क सेक्शन में किया जाता है। इन बुलेट कप का प्रोडक्शन करने वाली मेटल कप मशीन 26 वर्ष पहले फ्रिट्ज वार्नर कंपनी जर्मनी से आयातित हुई थी। पिछले तीन सालों से मशीन में कार्य  क्षमता खत्म हो गई थी। इसके मेकेनिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक
पाटर््स मंगाना मुश्किल हो रहा था। इसके आयात के लिए कई प्रयास किए गए
लेकिन विभागीय कार्रवाई एवं विदेशी कंपनी द्वारा पाट्र्स आयात होने में संशय और देरी बनी हुई थी। जिससे उत्पादन कार्य प्रभावित हो रहा था।
मेक इन इंडिया का सपना किया पूरा-
निर्माणी को मिले बुलेट कप के निर्माण लक्ष्य को पूरा करने के लिए हो रही परेशानी को देखते हुए निर्माणी के मेकेनिकल मेंटेनेंस के जेडब्ल्यूएम क्षितिज श्रीवास्तव, राजेश यादव एवं इलेक्ट्रिकल मेंटेनेंस जेडब्ल्यूएम विनय चतुर्वेदी ने बंद मशीन के पाटर््स को तैयार करने की ठानी। उनकी टीम में उमादत्त गौतम जेडब्ल्यूएम, रेजीनॉल्ड जैकब, नीरज गोंटिया, वीरेंद्र वर्मा, वीनस शर्मा, विनोद रजक, मनोज कुमार, सुरेश, हर्ष नारायण, मनीष सेन, रामप्रसाद, सुभासत्य नारायण लोहार, अंशुल तिवारी और रजनीश शर्मा ने महाप्रबंधक के निर्देशन में एक माह के परिश्रम से मशीन के पाटर््स बनाकर इस मशीन को नया जीवन प्रदान किया। मशीन को नया स्वरूप मिलने पर टेस्टिंग कर उसका विधिवत शुभारंभ कराया गया। नया स्वरूप प्रदान करले वाली टीम को अधिकारियों ने पुरस्कृत किया। इस अवसर पर अपर महाप्रबंधक एन एक्का, ज्वाइंट जीएम एसके यादव, अरुण कुमार, सीएस मेकेनिकल अधिकारियों के साथ जेसीएम, कार्य समिति सदस्य एवं यूनियन, एसोसिएशन के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

Created On :   13 Aug 2020 5:14 PM GMT

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