खुले आसमान के नीचे पड़ा है 3 लाख क्विंटल धान का स्टॉक

3 lakh quintal paddy stock lying under open sky
खुले आसमान के नीचे पड़ा है 3 लाख क्विंटल धान का स्टॉक
खुले आसमान के नीचे पड़ा है 3 लाख क्विंटल धान का स्टॉक

 परिवहन ठेकेदार की लापरवाही से खरीदी केन्द्रों में लगा धान का अंबार, रेडी टू परिवहन का नियम बना मजाक
डिजिटल डेस्क सिंगरौली(वैढऩ)।
बेमौसम बारिश से केन्द्रों में स्टॉक धान के खराब होने के बाद भी प्रशासन ने सबक नहीं लिया है। ऐसे में यदि एक बार फिर मौसम ने करवट ली तो केन्द्रों में खुले आसमान के तले स्टॉक धान के खराब होने के आसार हैं। इसके बाद भी जिले में रेडी टू परिवहन का नियम मजाक बनकर रह गया है। नागरिक आपूर्ति निगम की जानकारी के अनुसार खरीदी बंद होने के 6 दिन बाद भी ठेकेदार ने अब तक 54 फीसदी से अधिक धान का केन्द्रों से परिवहन नहीं कर पाया है। इसके चलते जिले के 28 खरीदी केन्द्रों में 3 लाख क्ंिवटल से अधिक धान का स्टॉक आसमान के नीचे है। जबकि मौसम वैज्ञानिकों द्वारा एक सप्ताह के अंदर बारिश की संभावना जताई जा रही है। बावजूद इसके नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी ठेकेदार की लापरवाही का खुलासा होने के बाद भी कार्रवाई से बच रहे हैं।
परिवहन में लापरवाही पर एमडी ने जिला प्रबंधक को शोकॉज
जिले में 6 दिन पहले धान की खरीदी बंद होने के बाद भी केन्द्रों उपज का  उठाव नहीं हो पाया है। इसके चलते खरीदी केन्द्रों में तीन लाख अधिक क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे स्टॉक है। ऐसे में धान के परिवहन में लापरवाही पाते हुये नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी और कलेक्टर ने जिला प्रबंधक केएल परमार और ठेकेदार संत्री प्रसाद तिवारी को शोकॉज जारी करते हुये जवाब मांगा है। आरोप है कि नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारियों द्वारा संरक्षण के चलते ठेकेदार ने केन्द्रों से धान का परिवहन नहीं किया है।  
 खरीदी से 800 किसान हुये वंचित
धान के उर्पाजन के आखिरी दिन उपज लेकर केन्द्र पहुंचे जिले के 800 किसानों उपज की बिक्री करने से वंचित हो गये हैं। बताया जाता है कि 20 जनवरी को पोर्टल में खराबी आने के कारण किसानों को टोकन जारी नहीं हो पाये है। इस बात की जानकारी सामने आने के बाद कलेक्टर केवीएस चौधरी ने नागरिक आपूर्ति निगम के एमडी को पत्र जारी कर बचे हुये किसानों के उपज की खरीदी के लिये अनुमति मांगी है। जानकारों का कहना है कि यदि अनुमति मिली तो अभी और 25 हजार क्ंिवटल धान की अभी और खरीदी होगी।
  गोदाम पैक, स्टैग की नहीं मिली अनुमति
जिले में साढ़े 7 लाख क्विंटल से अधिक खरीदी होने के बाद अब भंडारण की समस्या खड़ी हो गई है। बताया जाता है कि भोपाल से अस्थाई भंडारण के लिये स्टैग लगाये जाने की अनुमति नहीं मिलने के कारण भी उपज के भंडारण को भी लेकर नई समस्या खड़ी हो गई है। नागरिक आपूर्ति निगम की जानकारी के अनुसार अब 12678 किसानों से अब तक 7 लाख 59 हजार क्विंटल धान का उर्पाजन किया गया है। जिले में लक्ष्य के अनुरूप धान का उर्पाजन होने के बाद भी अब तक 56 फीसदी उपज का ही परिवहन हो पाया है। इसके चलते जिले के खरीदी केन्द्रों में भारी मात्रा में धान का स्टॉक जमा हो गया है। जानकारों का कहना है कि रेडी टू परिवहन नियम के तहत ठेकेदार को खरीदी के 24 घंटे के अंदर उठाव करने का नियम लागू किया है। हैरत की बात तो यह है कि जिले में छह दिन से जिले में खरीदी बंद होने के बाद भी केन्द्रों से उपज का उठाव नहीं हो पाया है।
नान अफसरों ने शिथिल किया नियम
जिले में 2 दिसंबर से शुरू हुई धान की खरीदी के दौरान ठेकेदार को बचाने के लिये नागरिक आपूर्ति निगम के अफसरों ने सरकारी नियमों को शिथिल 
कर दिया है। विभागीय जानकारों के मुताबिक परिवहन में देरी होने पर ठेकेदार पर जुर्माना लगाने का नियम है, लेकिन नागरिक आपूर्ति निगम के अधिकारी ठेकेदार पर कार्रवाई से बच रहे हैं। नागरिक आपूर्ति निगम के प्रभारी जिला प्रबंधक का कहना है कि ठेकेदार की लापरवाही पर नोटिस जारी किया गया है। ठेकेदार का जवाब मिलने के बाद कार्रवाई की जायेगी।
 इनका कहना है
खरीदी केन्द्रों में 56 फीसदी से अधिक धान की मात्रा परिवहन के लिये शेष है। इस संबंध में नागरिक आपूर्ति निगम को उठाव कराने के लिये कहा गया है। ठेकेदार पर कार्रवाई का अधिकार नागरिक आपूर्ति निगम के पास है।
- बीके शुक्ला, जिला आपूर्ति अधिकारी
जिले के सभी गोदामों में धान के भंडारण के लिये जगह शेष नहीं बची है। अस्थाई भंडारण के स्टैग की अनुमति नहीं मिलने के कारण खरीदी बंद होने के बाद भी उपज का उठाव नहीं हो पाया।
- केएल परमार, प्रभारी जिला प्रबंधक, नान
 

Created On :   28 Jan 2020 8:53 AM GMT

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