3 माह में 70 मासूम बच्चों की मौत!- 25 थे निमोनिया से ग्रसित

70 innocent children died in 3 months! - 25 were suffering from pneumonia
3 माह में 70 मासूम बच्चों की मौत!- 25 थे निमोनिया से ग्रसित
3 माह में 70 मासूम बच्चों की मौत!- 25 थे निमोनिया से ग्रसित

डिजिटल डेस्क  सिंगरौली (वैढऩ) ।  बीते तीन माह अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर में जिला अस्पताल में कुल 70 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है। यह चौंकाने वाला आंकड़ा अस्पताल के एसएनसीयू और बच्चा वार्ड से आया है। जिसमें बच्चा वार्ड में मृत हुये 25 मासूम बच्चे निमोनिया की मार से ग्रसित थे। चिकित्सकों के अनुसार निमोनिया की बीमारी ठंड के प्रकोप से पनपती है इसलिये मौत की भेंट चढ़े निमोनिया ग्रसित इन मासूमों की मौत की वजह ठंड को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। इसी का नतीजा है कि अक्टूबर, नवंबर व दिसंबर तीनों माह दौरान लगातार निमोनिया ग्रसित मासूम बच्चों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ता रहा। जानकारी के अनुसार अक्टूबर में 5, नवंबर में 10 और दिसंबर माह में भी 10 मासूम बच्चों की मौत हुई। इसमें एक चौंकाने वाली बात यह भी सामने आयी है कि निमोनिया ग्रसित मासूम बच्चों में जो मृत हुये हैं उनमें से ज्यादातर की उम्र 5 साल से कम की थी। ये हालात निमोनिया की स्थिति को खुद ही बयां करते हैं।
70 में 45 मौतें एसएनसीयू में हुईं
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0 मासूम बच्चों की मौत के आंकड़े में 45 मासूम नवजात ऐसे थे जो एसएनसीयू वार्ड में भर्ती थे। एसएनसीयू वार्ड में एक माह की भीतर के उम्र के बच्चों को भर्ती किया जाता है और यहां भी तीन माह के दौरान जो मौतें हुई हैं, उसमें सभी इसी उम्र के थे। हालांकि यहां मृत हुये मासूमों में ज्यादातर की मौत डिलेवरी दौरान के काम्प्लीकेशन्स को बताया जा रहा है, लेकिन कुछ की मौत में ठंड को भी कारण बताया जा रहा है। ऐसे में यहां भी ठंड की मार को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
बच्चा वार्ड में ठिठुर रहे मासूम, नहीं लगा वार्मर

जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में निमोनिया ग्रसित मासूम बच्चों की उमड़ी भीड़ और उनमें से लगातार हो रही मौतों के बाद भी अस्पताल प्रबंधन जागा नहीं है। अस्पताल प्रबंधन की बेरूखी का आलम यह है कि यहां बच्चा वार्ड में ठंड के प्रकोप से मासूमों को बचाने के लिये वार्मर या हीटर आदि की भी कोई व्यवस्था नहीं हैं। यहां वार्ड के दो बड़े हॉल में बच्चों को भर्ती किया जाता है और दोनों जगह भर्ती मासूम ठंड की मार में ठिठुरने को मजबूर हैं। 
 

Created On :   6 Jan 2020 9:56 AM GMT

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