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गर्भवती पत्नी को बैलगाड़ी से अस्पताल लाया पति, एम्बुलेंस आने से करती हैं मना
डिजिटल डेस्क, बकस्वाहा। मुख्यालय से गरीब करीब 8 किलोमीटर तुमरयाऊ गांव से प्रसव के लिए तड़पती महिला को बकस्वाहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बैलगाड़ी से लाया गया। मीरा कुशवाहा पति जगदीश कुशवाहा रात भर दर्द से तड़पती रही और कोई वाहन मुहैया नही हो सका, तब महिला को बैलगाड़ी से लाया गया। वहीं डॉक्टर न होने के कारण इलाज भी बड़ी मुश्किल में मिल सका। राज्य सरकार ने भले ही एंबुलेंस जननी एक्सप्रेस जैसी योजनाएं बनाकर जच्चा बच्चा को बचाने के लिए कमर कस ली हो। भले ही कई गांवो को इस योजना का लाभ महिलाओं को और बच्चों को मिल भी रहा है पर बकस्वाहा में इन योजनाओं को अधिकारी कर्मचारियों द्वारा पलीता लगाया जा रहा है।
ऐसा ही मामला तुमरयाऊ गांव में देखने को मिला जहां दर्द से रात भर कराहती रही। महिला और जब आशा कार्यकर्ताओं को इसकी जानकारी दी गई तो आशा कार्यकर्ता में बताया की गांव एंबुलेंस नही आती। ऐसी स्थिति में उसे बैलगाड़ी से अस्पताल लाया गया। जब आशा कार्यकर्ता रुकमणी से जानना चाहा की आखिर एंबुलेंस क्यों नहीं जाती गांव तो उन्होंने बताया इसके पूर्व करीब 5 बार एंबुलेंस को कॉल कर बुलाया गया पर नहीं आई। 30 जून को अशोक रानी प्रसव के लिए तड़प रही थी और एंबुलेंस को फोन किया था। उन्होंने रास्ता खराब होने का हवाला देकर आने से मन कर दिया। 8 किलोमीटर बकस्वाहा प्रसव के लिए लाना यह कोई पहला मामला नहीं है।
बकस्वाहा स्वास्थ्य सेवाएं पटरी से उतरी
बकस्वाहा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर न होने से स्वास्थ्य सेवाएं नही मिल पा रही हैं। फिर चाहे इलाज हो या प्रसव या एम्बुलेंस इस प्रकार का ये पहला मामला नही है। इसके पूर्व भी महिला को साइकिल से शाहपुरा गांव से प्रसव के लिए पिता लाया था और रास्ते में ही महिला ने बच्चे को जन्म दे दिया था।
इनका कहना है
मैं मामले की जानकारी लेता हूं के गांव में एम्बुलेंस आखिर क्यों नहीं जाति। दोषियों पर कार्रवाई होगी।
वी एस बाजपेयी जिला चिकित्सा अधिकारी
Created On :   17 July 2018 1:45 PM IST